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पिहोवा में कार्तिकेय का श्रापित मंदिर।
हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के पिहोवा में एक ऐसा श्रापित मंदिर है, जो महिलाओं के लिए श्रापित माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यहां जो भी महिलाएं आती है, वह महिलाएं विधवा हो जाती हैं। पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर भगवान शंकर के बेटे कार्तिकेय का मंदिर स्थि
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महिला पिंडी के दर्शन से 7 जन्म तक रहती है विधवा
ऐसी मान्यता है कि महिलाओं को इस पिंडी के दर्शन नहीं करने चाहिए। अगर कोई महिला पिंडी के दर्शन करती है, तो वह सात जन्म तक विधवा रहती है। इस मान्यता का जिक्र करते हुए मंदिर के बाहर एक बोर्ड भी लगाया गया है। इस बोर्ड के लगे होने के बाद भी अगर महिलाएं मंदिर में प्रवेश करती हैं, तो वहां के महंत द्वारा उन्हें विधवा होने की मान्यता के बारे में बताया जाता है।
कार्तिकेय महाराज पिंडी रूप में विराजमान
गर्भगृह के बाहर से ही महिलाओं को आशीर्वाद लेने का निर्देश दिया जाता है। यह नियम महिलाओं पर ही नही, बल्कि नाबालिग और नवजात लड़कियों के प्रवेश की भी अनुमति नही है। गौरतलब है कि सरस्वती तीर्थ पर बने इस मंदिर के गर्भगृह में कार्तिकेय महाराज पिंडी रूप में विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय ने माता पार्वती से नाराज होकर अपने शरीर का मांस और रक्त अग्नि को समर्पित कर दिया था।
सरसों का तेल चढ़ाने की परंपरा
यह भी माना जाता है कि ऋषियों ने कार्तिकेय के गर्म शरीर को ठंडा करने के लिए उन्हें यहां पर सरसों का तेल लगाया था। ठंड बढ़ने पर भगवान कार्तिकेय पिंडी के रूप में पिहोवा सरस्वती तीर्थ पर इस गर्भगृह में स्थित हो गए।
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