[ad_1]
दिल्ली सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पटाखों पर एक जनवरी, 2025 तक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई है। गोपाल राय ने 9 सितंबर को 1 जनवरी, 2025 तक पटाखों पर बैन की घोषणा की थी।
दिल्ली सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पटाखों पर एक जनवरी, 2025 तक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी नहीं हुई है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अधिकारियों का कहना है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अभी तक इसे मंजूरी नहीं दी है। एलजी ऑफिस ने हिन्दुस्तान टाइम्स के सवालों का जवाब नहीं दिया। वहीं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 9 सितंबर को 1 जनवरी, 2025 तक ग्रीन पटाखों सहित सभी तरह के पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
हालांकि, इसे लेकरअधिसूचना जारी न होने का मतलब है कि सरकार पटाखे जलाने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं कर सकती। डीपीसीसी के अधिकारी जो हर साल प्रतिबंध को लेकर नोटिफिकेशन जारी करते हैं, ने कहा कि प्रतिबंध को नोटिफाई करने की प्रक्रिया चल रही है, जिसके लिए फिलहाल एलजी कार्यालय से मंजूरी मिलने का इंतजार है। डीपीसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम नोटिफिकेशन पर काम कर रहे हैं। सभी आवश्यक मंजूरी ले ली गई है। फाइल फिलहाल एलजी कार्यालय में है।’
9 सितंबर को प्रतिबंध की घोषणा करते हुए राय ने कहा था, ‘पिछले साल की तरह इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों को प्रदूषण से बचाया जा सके। किसी भी तरह के पटाखों की ऑनलाइन डिलीवरी या बिक्री पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।’ पिछले हफ्ते आप मंत्री ने दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 21 प्वाइंट विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की थी, जिसमें पटाखों पर प्रतिबंध भी शामिल था।
हालांकि बीते बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राय ने कहा, ‘जब प्रतिबंध को लेकर नोटिफिकेश जारी होगा, तब से यह लागू हो जाएगा।’ पिछले साल भी प्रतिबंध की नोटिफिकेश जारी करने में काफी देरी हुई थी। इसकी घोषणा 11 सितंबर, 2023 को की गई थी, लेकिन लगभग एक महीने बाद 9 अक्टूबर को नोटिफाई की गई। 2022 में, सरकार द्वारा प्रतिबंध की घोषणा 7 सितंबर को की गई थी, लेकिन एक हफ्ते बाद, 14 सितंबर को नोटिफाई की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि इस देरी से उद्देश्य खत्म हो जाता है, क्योंकि इससे लोगों को पटाखे खरीदने का मौका मिल जाता है।
[ad_2]
Source link