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रांची के रिनपास से बीरे हत्याकांड के सजायाफ्ता प्रकाश मिश्रा ने जमशेदपुर में आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रची थी। इसके लिए उसने रांची के बिरसा मुंडा कारागार होटवार में पागल होने का नाटक किया, जिसके बाद उसे रिनपास में भर्ती करा दिया गया। यहां उसने दो मोबाइल मंगवाया और उसमें वर्चुअल नम्बर का इस्तेमाल करते हुए व्हाट्सएप चलाना शुरू किया।
इसके साथ ही उसने कॉलिंग के लिए भी वर्चुअल नम्बरों का इस्तेमाल किया। इसका खुलासा तब हुआ, जब कई लोगों को लगातार रंगदारी और हत्या की धमकी के लिए फोन आने लगे। इसकी जानकारी जब पुलिस को मिली और जांच शुरू हुई तो जो नम्बर पुलिस के हाथ लगे, वे विदेशी थे। लेकिन इनमें से ही एक नम्बर ऐसा था, जिससे रिनपास से फोन किया गया था।
इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि यह नम्बर प्रकाश मिश्रा इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस को यह जानकर और ताज्जुब हुआ कि प्रकाश विक्षिप्त होकर रिनपास में भर्ती है। पुलिस जांच में आगे बढ़ी तो यह तय हो गया कि प्रकाश मिश्रा ही धमकी भरे फोन कर रहा है। पुलिस के इस संदेह की पुष्टि जेम्को में पिछले दिनों हुई महेश मिश्रा पर फायरिंग से भी हुई, जिसमें हमलावरों में एक एजाज के शामिल होने की बात सामने आई थी। एजाज, प्रकाश मिश्रा का सहयोगी है, जो बीरे हत्याकांड से लेकर कई मामलों में शामिल था। उसके बाद एजाज के मोबाइल नम्बर और प्रकाश मिश्रा के बीच के सम्पर्क से इस बात का यकीन हो गया कि प्रकाश ही शहर में दहशत फैलाने के लिए लोगों को फोन कर रहा है।
उसके बाद एसएसपी किशोर कौशल ने रांची के उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा से सम्पर्क किया और पूरी कहानी बताई। उनके निर्देश पर रांची के अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार ने रविवार को रिनपास के कैदी वार्ड का औचक निरीक्षण किया, जिसमें जमशेदपुर के डीएसपी भोला प्रसाद भी शामिल थे।
इस दौरान इलाजरत प्रकाश मिश्रा के कमरे से कई आपत्तिजनक सामान मिले। इसमें दो स्मार्टफोन, दो चार्जर, कैंची, शराब की बोतल, फोन बुक, आधार संबंधित कागजात शामिल हैं। रांची के उपायुक्त ने एसडीओ को कैदी के कमरे की तलाशी कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
छह साल पहले हुई थी सजा
18 सितम्बर 2019 को दलबीर सिंह बीरे हत्याकांड में जिला जज-1 राधाकृष्ण की अदालत ने प्रकाश मिश्रा सहित सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही 10-10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है था। सजा पाने वालों में प्रकाश मिश्रा, उसके भाई सूरज मिश्रा उर्फ रोहित, जयप्रकाश सिंह, मोहित कुमार, टीटू सिंह, कुणाल शर्मा, भीम कामत शमिल हैं।
मनीफीट में गोली मार बीरे की कर दी थी हत्या
10 दिसंबर 2013 की रात 8.30 बजे टेल्को थाना अंतर्गत मनीफीट आजादबस्ती के बेलगड्ढा में हुई थी। दलबीर सिंह बीरे बर्मामाइंस के डॉ. सिद्धू के यहां से घर लौटे थे। जैसे ही बेलगट्टा गली के पास पहुंचे, पहले से घात लगाकर खड़े प्रकाश मिश्रा गिरोह के लेागों ने फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद फरवरी 2014 में सभी आरोपियों को सीवान से गिरफ्तार किया गया था। जागीर सिंह के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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