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जीवाजी क्लब में जीत के बाद विजयी उम्मीदवार
ग्वालियर में अमीरों, व्यापारियों व वीआईपी सदस्यों की 124 साल पुरानी संस्था जीवाजी क्लब में रविवार को क्लब के संचालन के लिए पदाधिकारियों के चुनाव हुए हैं। रात 9.30 बजे चुनाव के नतीजे भी घोषित किए गए हैं। जीवाजी क्लब के चुनाव में पदाधिकारियों के लिए मत
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इसके अलावा सचिव पद पर संजय वर्मा को 1184 वोट, संयुक्त सचिव पद पर चेतन करण अग्रवाल को 561 वोट और कोषाध्यक्ष पद पर संजय नीखरा को 764 वोटो के साथ विजयी घोषित किया गया हैं। इससे पहले उपाध्यक्ष पर अमित गुप्ता निर्विरोध जीत चुके हैं।
विजयी उम्मीदवार को शैम्पेन पिलाते हुए साथी
जीवाजी क्लब में पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के लिए चुनाव हुए हैं। चुनाव में रविवार सुबह 9 बजे से शाम को 4 बजे तक मतदान हुआ था। रविवार सुबह 9 बजे से चले रहे मतदान में कुल 2700 सदस्यों में से 1713 सदस्यों को ही वोट डालने का अधिकार था। इनमें से 1561 सदस्यों ने मतदान का उपयोग किया है। शाम 4 बजे मुख्य निर्वाचन अधिकारी केजी दीक्षित और उपनिर्वाचन अधिकारी केशव सिंह गुर्जर के सामने पदाधिकारियों का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के समक्ष मतपेटी को शील कर मतगणना हॉल में पहुंचा दी गई हैं। जीवाजी क्लब के चुनाव में अध्यक्ष, सचिव, सह सचिव, और कोषाध्यक्ष के अलावा 10 कार्यकारिणी सदस्यों के लिए भी रविवार को मतदान किया गया है। जीवाजी क्लब के हॉल में मतदान करने के लिये कक्ष बनाये गये थे। जिसमें पदाधिकारियों का चुनाव करते समय किसी को दिखाई न दें इसके लिये 12 मतदान केन्द्र बनाये गये थे 3 मतपेटियां रखी गयी थी। रात 9.30 बजे मतगणना पूरी हुई और विजय उम्मीदवारों के नाम की घोषणा निर्वाचन अधिकारियों ने की है। 124 साल पहले हुई थी जीवाजी क्लब की स्थापना ग्वालियर में जीवाजी क्लब, जयविलास पैलेस से कुछ ही दूरी पर बना है। साल 1898 में तत्कालीन ब्रिटिश रेजीमेंट जनरल के प्रयास से एलिग्न लॉर्ड के नाम पर इसका नाम एलिग्न क्लब रखते हुए स्थापना की गई थी। उस दौर के तत्कालीन रईस-जागीरदार और अधिकारी स्तर के लोग फुरसत के क्षणों में मनोरंजन के लिए आते थे। क्लब में केवल सिंधिया राजपरिवार के सरदार व उनके परिवारों व अंग्रेज अफसर ही यहां मनोरंजन करने के लिए आते थे। सन 1936 तक यह क्लब एलिग्न क्लब के नाम से जाना जाता रहा। उसके बाद सिंधिया रियासत के शासक जार्ज जीवाजीराव के नाम पर इसका नामकरण करते हुए इसे जीवाजी क्लब कहा जाने लगा। तब से देश में नहीं विदेशों में जीवाजी क्लब की नाम और प्रतिष्ठा है। कार्ड रूम से लेकर स्विमिंग पूल, आधुनिक जिम है मनोरंजन का साधन जीवाजी क्लब में मनोरंजन के कई साधन मौजूद हैं। क्लब में कार्ड रूम से लेकर स्विमिंग पूल, आधूनिक जिम, टेनिस कोर्ट, स्नूकर, बिलियर्डस सहित कई तरह के गेम्स खेलकर मनोरंजन किया जा सकता है। पर यहां खेलने के लिए केवल सदस्यों को ही अनुमति है। क्लब का अपना गेस्ट हाउस व दो मैरिज गार्डन हैं। क्लब में बार के साथ रेस्टोरेंट भी है। प जीवाजी क्लब में हैं 2700 सदस्य शुरुआती दौर में जीवाजी क्लब में राज दरबार से जुड़े सरदार ही इसके सदस्य होते थे। आज भी परंपरागत रूप से सरदारों के वारिश सदस्य हैं। आजादी के बाद आमजन के लिए इसकी सदस्यता के द्वार खोल दिये गये। अब क्लब के सदस्य नगर के व्यापारी अभिजात्य वर्ग है। पहले नगर में पदस्थ IAS, IPS अधिकारी क्लब के संचालन की व्यवस्था संभालते थे। अब क्लब का संचालन सदस्यों द्वारा निर्वाचित कार्यकारिणी द्वारा किया जाता है। वर्तमान में क्लब के 2700 सदस्य है, इनमें से मत देने का अधिकार 1713 सदस्यों को ही है।
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