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जयपुर के जेईसीसी में डॉक्टर्स के ग्लोबल सिंगिंग कॉम्पिटिशन- ‘वॉयस ऑफ डॉक्टर्स’ के दूसरे सीजन का ग्रैंड फिनाले का आयोजन हुआ।
जयपुर के जेईसीसी में डॉक्टर्स के ग्लोबल सिंगिंग कॉम्पिटिशन- ‘वॉयस ऑफ डॉक्टर्स’ के दूसरे सीजन का ग्रैंड फिनाले का आयोजन हुआ। इस कॉम्पीटिशन में देश-विदेश से शामिल हुए डॉक्टर्स ने अपने सुर-ताल से समां बांध दिया। मरीजों का इलाज करने वाले हाथों को माइक था
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इस भव्य ग्रैंड फिनाले की शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।
इस भव्य ग्रैंड फिनाले की शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर पद्मभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट, भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़, अजय पाल सिंह, नगर निगम ग्रेटर से डिप्टी मेयर पुनीत कर्णावत, इटर्नल हॉस्पिटल की एमडी व को-चेयरपर्सन मंजू शर्मा, जेईसीआरसी यूनिवर्सिटी के वाइस चेयरपर्सन अमित अग्रवाल, वंडर सीमेंट से राजेंद्र मेहनोट, जेएसडब्ल्यू से फिरोज, वर्ल्ड स्पेस से नीलेश बड़िया, नोवोटेल जयपुर कन्वेंशन सेंटर के जीएम, मनुज रहलान, ‘वॉयस ऑफ डॉक्टर्स’ की आयोजन समिति के चेयरमैन, डॉ. जितेंद्र एस मक्कड़ और सचिव, डॉ. सौरभ जैन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्लेबैक सिंगर्स अमित कुमार, पद्मश्री कविता कृष्णमूर्ति और कुणाल गांजावाला ने भी विशेष प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में प्लेबैक सिंगर्स अमित कुमार, पद्मश्री कविता कृष्णमूर्ति और कुणाल गांजावाला ने भी विशेष प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोह लिया। पद्मश्री कविता कृष्णमूर्ति ने शुरुआत बंगाल केस की पीड़िता ‘अभया’ को श्रद्धांजलि देते हुए ‘मैं इतनी बुरी तो न थी मां’ गीत प्रस्तुत किया। इस गीत के बोल कानपुर की डॉ नवतेज शर्मा की ओर से लिखे गए हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. नवतेज भी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज की पूर्व छात्रा रहीं है। इस प्रस्तुति ने दर्शकों की आंखे नम कर दी।
अमित कुमार के साथ ‘कोरा कागज’ और डॉ जितेंद्र एस मक्कड़ के साथ ‘गुम हैं किसी के प्यार में’ गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इसके बाद उन्होंने हवा -हवाई और निंबुड़ा निंबुड़ा सहित अन्य मधुर गीतों की एकल प्रस्तुति दी। इसके साथ ही कविता ने अमित कुमार के साथ ‘कोरा कागज’ और डॉ जितेंद्र एस मक्कड़ के साथ ‘गुम हैं किसी के प्यार में’ गाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं अमित कुमार ने डॉ नवतेज के साथ मिलकर ‘एक मैं और एक तू गीत’ की प्रस्तुति दी। इसके बाद, कुणाल गांजावाला ने अपने अनूठे अंदाज में ‘भीगे होंठ तेरे’ सहित अन्य मशहूर गीत गाकर माहौल को अधिक खुशनुमा बना दिया।
कॉम्पिटिशन के प्रथम संस्करण के 55 वर्ष से अधिक की श्रेणी के विजेता डॉ. हेमंत ठकराल (यूके) ने भी कार्यक्रम में प्रस्तुति दी।
कॉम्पिटिशन के प्रथम संस्करण के 55 वर्ष से अधिक की श्रेणी के विजेता डॉ. हेमंत ठकराल (यूके) ने भी कार्यक्रम में प्रस्तुति दी। उन्होंने ‘चलो एक बार फिर से’ गीत गाकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरीं।
ग्रैंड फिनाले में पहुंचे डॉक्टर्स ने अपनी दमदार प्रस्तुतियों से जजों को दुविधा में डाल दिया। गौरतलब है कि यह कॉम्पिटिशन तीन आयु वर्गों – अंडर 40, 40-55 वर्ष और 55 से ज्यादा आयु वर्ग में आयोजित गया था। इसमें भारत के डॉक्टर्स के साथ-साथ दूसरे देशों के 28 डॉक्टर्स भी शामिल हुए। ग्रैंड फिनाले में पहुंचने के लिए डॉक्टर्स को कई राउंड्स और कड़ी प्रतिस्पर्धा से होकर गुजरना पड़ा।
इसमें प्रस्तुति देने वाले डॉक्टर्स में डॉ रीना चौधरी (जो भेजी थी दुआ), डॉ प्रिया पी नायर (सिलसिला ये चाहत का), डॉ मनीष कल्ला (तीजा तेरा रंग था), डॉ निशिकांत लोखडे (तड़प तड़प के), नम्रता जोशी (आईए मेहरबां), डॉ अंशु महर्षि (कैसी पहेली), डॉ जगदीश (नजर ना लग जाए) सहित अन्य डॉक्टर्स ने विभिन्न बॉलीवुड गीतों पर मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
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