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प्रदेश कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी की शनिवार को अहम बैठक हुई। इसमें शामिल आदिवासी संगठनो के प्रतिनिधियों ने हर हाल में जल, जंगल और जमीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर बल दिया। साथ ही, पेसा कानून लागू करने का वादा भी कांग्रेस के घोषणा पत्र में शामिल करने
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बैठक में आए प्रतिनिधियों ने राज्य में उद्योंगो की स्थापना को लेकर सरकार से पहल करने की भी राय दी, ताकि राज्य के बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिले सके। पलायन रुके। खेल संगठनों के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि खेल पर विशेष ध्यान दिया जाए। राज्य में खिलाड़ियों की कमी नहीं है। जरूरत है, उन्हें प्रोत्साहित और उन्हें साधन सुविधा उपलब्ध कराने की। शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक सुधार लाने की सलाह दी गई, ताकि खास तौर पर सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में ज्यादा से ज्यादा सुधार हो सके। इसका सबसे ज्यादा लाभ राज्य के गरीबों के बच्चों को मिल सकेगा। इसके अलावा भूमि निबंधन में घोटाला रोकने के लिए कड़े कानून लाने , स्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने, कृषि को प्रोत्साहन देने के साथ ही किसानों को भरपूर मदद करने आदि पर बल दिया गया।
बैठक में चैंबर ऑफ कॉमर्स , एनजीओ, खेल संगठनों और आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्य रूप से भाग लिया और कांग्रेस को घोषणा पत्र बनाने को लेकर अपनी सलाह दी। मौके पर प्रदेश कांग्रेस मेनिफेस्टो कमिटी के अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा कि सभी सुझावों को कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में शामिल करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि सलाह का यह दौर अभी जारी रहेगा। इसके लिए अगली बैठक 30 सितंबर को शाम 4 बजे लालगुटवा बैंक्वट हॉल में होगी। बैठक में शामिल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि कांग्रेस का चुनाव घोषणा पत्र जनता का घोषणा पत्र होगा।
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की अपेक्षा है कि झारखंड के चुनाव घोषणा पत्र यहां की जनता का दस्तावेज हो। इसीलिए कांग्रेस घोषणा पत्र तैयार करने के लिए समाज के विभिन्न वर्ग के बीच जाएगी। मैनिफेस्टो कमिटी की बैठक में मंत्री बन्ना गुप्ता, शहजादा अनवर, अशोक चौधरी, अजय नाथ शाहदेव, सतीश पौल मुजनी, लाल किशोर नाथ, जगदीश साह, शशि भूषण राय, शांतनु मिश्रा आदि शामिल हुए। सिविल सोसाइटी की ओर से बलराम, सुधीर पाल, बसंत हेतमसरीया, दयामनी बारला, प्रभाकर नाग, सुरेन्द्र सिंह, धीरज कुमार, मिथिलेश, चैंबर अध्यक्ष परेश गट्टानी व सुशील कुमार सिंह ने अपने विचार रखे।
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