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रतनपुरा संगरिया बॉर्डर पर 200 दिनों से धरनारत किसानों ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती मनाते
सिरसा जिले के रानियां में भारतीय किसान एकता बीकेई के प्रदेश अध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख अपनी टीम के साथ रतनपुर बॉर्डर संगरिया पहुंचे। जहां किसान आंदोलन पार्ट-2 को लेकर 11 मार्च से राजस्थान के किसानों का धरने को 229 दिन हो चुका है। रतनपुर बॉर्डर पर आज शह
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किसान आंदोलन पार्ट-2 में शामिल होने की अपील औलख ने कहा कि 3 अक्टूबर 2021 की तारीख देश का किसान कभी नहीं भूल सकता, क्योंकि इस दिन बीजेपी ने इंसानियत को तार-तार करते हुए हैवानियत का नंगा नाच किया। किसानों के कातिल आज भी खुले में घूम रहे हैं। लखीमपुर खीरी के शहीदों सहित 750 किसानों की शहादत ने तीनों काले कृषि कानून वापस करवाए थे। औलख ने सभी किसान-मजदूर व आमजन से अपील किया कि लखीमपुर खीरी के शहीदों को याद करते हुए किसान आंदोलन में शामिल हों।
13 फरवरी से धरने पर बैठे किसान सभी शहीदों की याद में 3 अक्टूबर को शाम 5.30 बजे से लेकर 6.30 बजे तक अपने-अपने गांवों, ब्लाकों, तहसीलों में शहीदों के बैनर तले कैंडल मार्च निकाले। औलख ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा लिखित में किए गए वादों को पूरा नहीं किया गया। जिसको लेकर किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया, तब से किसानों का शंभू खनौरी व रतनपुर (संगरिया) बॉर्डरों पर आंदोलन पार्ट-2 चल रहा है। जिसको आज 229 दिन हो चुके हैं और मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर अंग्रेज सिंह कोटली, सुभाष झोरड़, बलजिंदर सिंह, हंसराज पंचार, सुभाष बचेर, गुरलाल सिंह भंगू, सत्य प्रकाश व साधू सिंह बचेर शामिल रहे।
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