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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उस सवाल का जवाब अपने घर में खोजने की सलाह दी है, जो कि सोरेन ने उनसे पिछले सप्ताह पूछा था। दरअसल सोरेन ने सरमा से असम में झारखंडी चाय जनजाति के लोगों को एसटी का दर्जा दिए जाने के बारे में सवाल पूछा था। जिसके जवाब में असम के सीएम ने कहा कि सोरेन को इसका जवाब अपने घर में रोज ही मिलता है।
मीडिया से बात करते हुए सरमा ने कहा, ‘देखिए हेमंत सोरेन जी ने मुझे पत्र लिखा है, मैं उनके पत्र का उत्तर जरूर दूंगा। हालांकि हेमंत सोरेन जी इसका उत्तर खुद ही जानते हैं। आज हेमंत सोरेन जी से आप पूछिए, कल्पना सोरेन जी (हेमंत की पत्नी) झारखंड की किसी भी आदिवासी सीट से चुनाव क्यों नहीं लड़ सकती हैं? उत्तर तो उनके घर में ही है। तो वो उत्तर हमें देने की जरूरत नहीं है, उनके घर में ही प्रतिदिन उनको इसका उत्तर मिल रहा है। फिर भी उन्होंने मुझसे लिखित जवाब मांगा है, तो मैं उन्हें समय मिलते ही लिखित जवाब भी दे दूंगा।’
सोरेन ने लिखा था सरमा को पत्र
सरमा ने यह प्रतिक्रिया तब दी जब उनसे इस सप्ताह की शुरुआत में हेमंत सोरेन द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर सवाल पूछा गया। अपने पत्र में सोरेन ने असम में काम कर रही झारखंड की चाय उगाने वाली जनजाति के लोगों के लिए ST (अनुसूचित जनजाति) का दर्जा मांगा था, जो फिलहाल ओबीसी में शामिल है। सोरेन ने अपने पत्र में कहा था कि असम की अर्थव्यवस्था में इस समुदाय का महत्वपूर्ण योगदान होने के बावजूद उन्हें लगातार हाशिए पर रखा गया।
साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में असम की चाय-जनजाति समुदाय के लगभग 70 लाख लोगों की दुर्दशा के बारे में भी गहरी चिंता व्यक्त की थी, जिन्हें वर्तमान में वहां अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इसी पत्र को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में असम के मुख्यमंत्री व झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह-प्रभारी हिमंता सरमा ने सोरेन को अपने घर में सवाल का जवाब देखने की सलाह दी।
झारखंड की ST सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं कल्पना सोरेन
बता दें कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन ओडिशा के अनुसूचित जनजाति समुदाय से आती हैं। लेकिन इसके बावजूद वे झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षित 28 सीटों में से किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ सकतीं।
इसकी वजह यह है कि झारखंड में अनुसूचित श्रेणियों के तहत कोई बाहरी व्यक्ति आरक्षण का दावा नहीं कर सकता है, इसलिए कल्पना अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षित सीट पर खड़ी नहीं हो सकती हैं। इसी वजह से हिमंता सरमा ने सोरेन को जवाब देते हुए कल्पना सोरेन का जिक्र किया। कल्पना वर्तमान में गांडेय विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो एक सामान्य व अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र है।
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