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डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ, डीसी पलवल।
हरियाणा के पलवल जिले में किसान खेतों में धान की कटाई के उपरांत फसल अवशेष व पराली को न जलाए, बल्कि फसल अवशेष का उचित प्रबंधन करते हुए दोहरी कमाई करें।
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आगजनी से पर्यावरण होता है प्रदूषित
किसानों से यह अपील करते हुए डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने कहा कि पराली जलाने से खेतों की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है, क्योंकि मिट्टी में मौजूद किसान के कीट मित्र नष्ट हो जाते है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा आगजनी के कारण पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। किसानों को फसल अवशेष का उचित प्रबंध करने के लिए कृषि यंत्रों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
उन्होंने कृषकों को पराली का उचित प्रबंधन करने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि कोई भी किसान फसल अवशेष व पराली जलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन बारे कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल से संपर्क किया जा सकता है।
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