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दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि किशोरावस्था में प्यार और इस तरह के अपराध कानूनी रूप से अस्पष्ट क्षेत्र में आते हैं और यह बहस का विषय है कि क्या इसे वास्तव में अपराध के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि किशोरावस्था का प्रेम (Teenage Love) और ऐसे अपराध कानूनी रूप से अस्पष्ट क्षेत्र (Legal Grey Area) में आते हैं और इस पर बहस हो सकती है कि क्या इसे अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है। अदालत ने कहा कि उसे ऐसे कई मामले देखने को मिल रहे हैं, जिनमें 17 साल से अधिक उम्र की लड़कियां अपनी पसंद के पुरुषों के साथ भाग जाती हैं और जब वे पकड़ी जाती हैं, तो लड़की के माता-पिता उन्हें पुलिस के सामने बयान बदलने के लिए मजबूर करते हैं।
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा, “पुलिस भी बाद में ऐसे बयान दर्ज करती है, जो पहले दिए गए बयानों से पूरी तरह से अलग होते हैं। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए अधिकांश बयान भी पीड़िता द्वारा धारा 161 सीआरपीसी के तहत दिए गए पहले के बयानों से मेल नहीं खाते हैं, जो विरोधाभासी हैं।”
अदालत ने आगे कहा, “किशोरावस्था में प्यार और इस तरह के अपराध कानूनी रूप से अस्पष्ट क्षेत्र में आते हैं और यह बहस का विषय है कि क्या इसे वास्तव में अपराध के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। यह अदालत फिलहाल इस बात पर टिप्पणी नहीं कर रही है कि याचिकाकर्ता (आरोपी) ने अपराध किया है या नहीं।”
हाईकोर्ट ने 17 साल की लड़की का अपहरण करने के आरोपी 22 वर्षीय व्यक्ति को जमानत दे दी। याचिकाकर्ता 19 अप्रैल, 2022 से हिरासत में है। आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है।
अदालत ने आगे कहा, “याचिकाकर्ता को लड़की से संपर्क करने से रोकने के लिए शर्तें लगाई जा सकती हैं। याचिकाकर्ता को हिरासत में रखना उसके भविष्य के लिए हानिकारक होगा, जिसकी उम्र करीब 22 साल है।”
नाबालिग लड़की के पिता ने जनवरी 2022 में एक एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आरोपी ने उनकी बेटी को गुमराह किया और उसे अपने साथ ले गया। लड़की को मार्च 2022 में बचाया गया। हालांकि, अपने शुरुआती बयान में लड़की ने बताया था कि अपनी मां को बताने के बाद वह अपनी सहेली के घर गई थी, जहां उसने आरोपी को मिलने के लिए बुलाया था। इसके बाद दोनों ने मध्य प्रदेश जाने के लिए टिकट खरीदे और वहां किराये के मकान में रहने लगे।
उसने बताया कि जब उसे पता चला कि उसके पिता ने आपराधिक मामला दर्ज कराया है, तो वे ट्रेन से दिल्ली वापस आ गए और पुलिस को फोन किया। हालांकि, 23 दिन बाद लड़की ने एक और बयान दिया, जिसमें उसने कहा कि आरोपी ने उससे कहा था कि उसके माता-पिता उसे ढूंढ रहे हैं और अगर वह अपने घर वापस गई तो वे उसे मार देंगे।
उसने बताया कि आरोपी उसे मध्य प्रदेश ले गया और वहां वे एक घर में रहने लगे और जब उसने उससे अपने माता-पिता के पास ले जाने को कहा तो उसने इनकार कर दिया।
उसने कहा कि उसके पिता और चाचा मध्य प्रदेश आए और वे उन्हें बिहार ले गए और वहां उसे बंधक बना लिया और उसका मुंह बंद कर दिया और कोर्ट मैरिज के लिए जाली दस्तावेज भी तैयार करवा लिए और उनकी शादी हो गई।
उसने दावा किया कि बाद में उस युवक के पिता लड़की को दिल्ली ले आए और उसे पुलिस को सौंप दिया। उस व्यक्ति को जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि लड़की के दूसरे बयान में “महत्वपूर्ण सुधार” किया गया था, जो उसके पहले बयान के 23 दिन बाद दर्ज किया गया था।
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