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प्रदेश में सवा करोड़ सदस्य बनाने के दावों के बावजूद भाजपा सदस्यता अभियान में केवल 25 लाख सदस्य बन सके है। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष की नाराजगी के बाद संगठन व सरकार में हलचल मच गई है। सदस्यता अभियान में अब तक कई विधायकों सहित अन्य जनप्रतिनि
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सदस्यता अभियान को लेकर शुक्रवार को प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ व प्रदेश प्रभारी राधामोहन दास अग्रवाल ने प्रदेश पदाधिकारियों, महिला मोर्चा, मीडिया, सोशल और आईटी विभाग की बैठक ली। बैठकों में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि पदाधिकार सदस्यता अभियान के लिए दूसरे चरण में प्रतिदिन नियमित रूप से अपना समय दें और संपर्क संवाद के माध्यम से संगठन के विचार और सरकार के काम को जनता तक पहुंचाते हुए सदस्य बनाए। सरकार बनने के बाद कार्यकर्ता के पास दोहरी जिम्मेदारी आ जाती है, एक ओर उसे अपना संगठन मजबूत करना है।
उपचुनाव में खोने से ज्यादा पाने की उम्मीद
बैठक में प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा है कि उपचुनाव में भाजपा के पास खोने से ज्यादा पाने की उम्मीद है। सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा, इसमें से हमारे पास केवल एक सीट थी। पिछले चुनाव में एक-एक सीट पर आरएलपी व बीएपी और चार सीटें कांग्रेस पर कांग्रेस के विधायक जीते थे। मेरी उन सभी पार्टियों को चुनौती है कि वह अपनी-अपनी सीट बचाने के अभियान में लग जाए।
बैठक में महामंत्री दामोदर अग्रवाल, जितेंद्र गोठवाल, श्रवण सिंह बगडी, प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल मीणा, मुकेश दाधीच, कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक, महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष रक्षा भंडारी, मीडिया संयोजक प्रमोद वशिष्ठ सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
मीणा मंत्री का काम कर रहे : राठौड़
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा सरकार का ही काम कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से कहा कि आप पता कर लीजिए। वह रोज विभाग से जुड़ी फाइलें निकाल रहे हैं। कहीं भी बैठकर काम करें, लेकिन वह सरकार का कामकाज देख रहे हैं। किरोड़ी लाल मीणा पूरी तरह से सरकार और संगठन के साथ हैं। उन्होंने कहा कि किरोड़ीलाल से पूछ लों की वे फाइलें निकाल रहे है या नहीं।
युवा मोर्चा कार्यकारिणी में हुई थी जल्दबाजी: युवा मोर्चा की कार्यकारिणी पर हुए विवाद को लेकर मदन राठौड़ ने कहा कि कई मामले प्रभारी के स्तर के होते हैं। सब की राय ली जाती है। हम सब बैठकर अपने परिवार को मजबूत कर लेंगे। युवा मोर्चा की कार्यकारिणी पर कोई विवाद नहीं है। नेतृत्व के कई लोगों से चर्चा करनी होती है। जल्दबाजी हुई थी, उसमें हमने सुधार किया है।
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