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शुक्रवार को एमआईसी की बैठक हंगामेदार रही। महापौर और एमआईसी सदस्यों ने नगर निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण पर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों का बचाव करने और मनमानी के आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। ऐसे में बैठक एजेंडे पर चर्चा शुरू होने से पह
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राजस्व विभाग के एमआईसी जगदीश यादव ने उपायुक्त एकता अग्रवाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने कहा है कि वे एक दिन में एक जोन की पांच ही फाइलें लेंगी। इसे लेकर अफसरों और एमआईसी सदस्यों में विवाद हो गया और जोन 21 के अधिकारी अर्जुन मेघानी को जब एमआईसी सदस्य ने फोन लगाया तो उन्होंने स्पीकर फोन पर आदेश की पुष्टि कर दी। इसके बाद एमआईसी सदस्य अफसरों पर हावी हो गए।
ढाई करोड़ में बदलेगी जर्जर पाइप लाइन: पुराने शहर में पानी की जर्जर पाइप लाइन को बदलने के लिए 2.41 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई हैं। लीकेज रोकने अब नई डीआई लाइन बिछाई जाएगी।
ट्रांसफर में मनमानी
एमआईसी सदस्यों ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि कमिश्नर अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर के बारे में उनसे चर्चा नहीं करते। इस पर कमिश्नर ने कहा कि यह एमआईसी का अधिकार नहीं है। यह सुनते ही सभी एमआईसी एक साथ उठे और बैठक छोड़कर निकल गए। महापौर भी एमआईसी के साथ थीं। एमआईसी सदस्यों ने एडीसी देवेंद्र सिंह चौहान पर आरोप लगाए कि वे एमआईसी तक के फोन नहीं उठाते हैं।
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