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चक्काजाम के दौरान बदहवास मृतका की सास को संभालते परिजन और पुलिस।
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में प्रसूता की मौत पर बवाल हो गया। गुस्साए परिवार वालों ने बीएमसी के गेट पर चक्काजाम कर दिया। उनका आरोप था कि गुरुवार शाम प्रसूता की मौत हो गई थी। लेकिन अस्पताल और पुलिस प्रशासन ने मामला दबाया। मरीज को वेंटीलेटर पर रख द
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परिवार वालों ने बताया कि बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मकरोनिया के रजाखेड़ी निवासी सुमन पति अमित पटेल उम्र 24 साल को प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया गया था। 19 सितंबर को ऑपरेशन से सुमन ने बेटी को जन्म दिया। जिसके बाद उसके टांके पक गए। गुरुवार को अस्पताल की नर्स ने प्रसूता सुमन को 5 इंजेक्शन लगाए। कुछ देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। शाम करीब 7 बजे वार्ड में मौजूद स्टाफ ने बोला कि प्रसूता की मौत हो गई है। जिसके बाद परिवार वालों ने विरोध जताया। तभी पुलिस और अस्पताल प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। बीएमसी डीन डॉ. पीएस ठाकुर ने कहा कि प्रसूता को वेंटीलेटर पर रखा गया है। उसकी हालत गंभीर है। बचाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन प्रसूता के पति का आरोप था कि उसकी पत्नी की मौत हो गई है। पुलिस और अस्पताल प्रबंधन मामला दबा रहा है।
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के गेट पर किया चक्काजाम।
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर दबाया गया मामला शुक्रवार को प्रसूता की मौत होने पर उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। मौत की खबर मिलते ही परिवार वालों ने हंगामा शुरू कर दिया। विरोध में उन्होंने बीएमसी गेट पर चक्काजाम किया। करीब दो घंटे तक परिवार वाले चक्काजाम किए रहे। सूचना पर पुलिस बल मौके पर पहुंचा और समझाइश देकर लोगों को शांत कराया। मृतका सुमन के पति अमित ने बताया कि डिलीवरी के बाद सुमन ठीक हो रही थी। लेकिन गुरुवार को इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई।
सीएसपी यश बिजोरिया से घटनाक्रम को लेकर बात करती मृतका की सास।
शाम को मौत हो गई। लेकिन शुक्रवार को सागर में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था। जिसको देखकर मेरी पत्नी की मौत को दबाया गया। आज मौत होने के बाद बगैर बताए शव पोस्टमार्टम के लिए लेकर पहुंच गए। हम लोगों को बताया भी नहीं। पूरा परिवार अस्पताल में मौजूद था। पति ने पुलिस और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इलाज में लापरवाही करने वाले डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह आत्मदाह कर लेगा।
पीड़ित परिवार की बात सुनते हुए पुलिस और प्रशासन के अधिकारी।
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