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झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने राज्य सरकार में नियुक्तियों में गड़बड़ी की आशंका जताई गई है। इसके लिए पिछले सप्ताह आयोजित भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच के लिए शुक्रवार को तीन सदस्यीय समिति गठित की है। जेएसएससी सचिव सुधीर कुमार गुप्ता की अध्यक्षता वाली समिति एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। अब इस मामले पर तीन सदस्यीय कमेटी किसी भी तरह की गड़बड़ी की जांच करेगी।
गुप्ता ने को बताया कि राजभवन से मिले पत्र और अभ्यर्थियों की शिकायतों के मद्देनजर हमने समिति गठित करने का फैसला किया है। यह समिति अभ्यर्थियों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। जेएसएससी ने 21 और 22 सितंबर को 823 केंद्रों पर झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) आयोजित की थी। किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए दोनों दिन परीक्षा के दौरान मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। हालांकि गुरुवार को बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए रांची में जेएसएससी कार्यालय के पास विरोध प्रदर्शन किया।
अभ्यर्थियों की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल संतोष गंगवार ने आयोग से मामले की जांच करने को कहा था। जेएसएससी के फैसले का स्वागत करते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि समिति सच्चाई के साथ खड़ी होगी और अभ्यर्थियों के हित में रिपोर्ट सौंपेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गड़बड़ी के आरोपों पर कहा कि उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।
बता दें कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बीते दिनों एग्जाम के दौरान बड़ा फैसला लेते हुए इंटरनेट पर पाबंदी लगा दी थी। इस दौरान 21 और 22 सितंबर को कुछ घंटों के लिए पूरे प्रदेश में इंटरनेट पर पाबंदी लगाई गई थी। बाद में कोर्ट ने सोरेन सरकार से इस मामले पर जवाब तलब किया था।
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