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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना चूहों से करने की झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर भाजपा ने जोरदार पलटवार किया है। भाजपा ने गुरुवार को कहा कि आरएसएस ‘चूहे’ नहीं हैं, बल्कि ‘हिंदू शेर’ हैं। भाजपा ने सोरेन पर राजनीतिक लाभ के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना चूहों से करने की झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर भाजपा ने जोरदार पलटवार किया है। भाजपा ने गुरुवार को कहा कि आरएसएस ‘चूहे’ नहीं हैं, बल्कि ‘हिंदू शेर’ हैं। भाजपा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर राजनीतिक लाभ के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।
सत्तारूढ़ झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना ‘चूहों’ से की और भाजपा और आरएसएस दोनों पर वोट हासिल करने के लिए राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।
झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने पीटीआई को बताया कि हेमंत सोरेन ने आरएसएस की तुलना चूहों से की। यह ‘हिंदू शेरों’ का अपमान है, जो सनातन धर्म की महिमा को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। कहा कि सोरेन जॉर्ज सोरोस के पैटर्न पर काम कर रहे हैं। क्षुद्र राजनीतिक लाभ के लिए वह बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण दे रहे हैं। भाजपा हंगरी में जन्मे अमेरिकी अरबपति सोरोस पर भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को निशाना बनाने का आरोप लगाती रही है।
झारखंड में जनसांख्यिकीय परिवर्तन नहीं होने की सोरेन की टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए बाउरी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री केवल उनके और उनके परिवार और उनके कल्याण के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने कहा, “जिस स्थान भोगनाडीह से उन्होंने कहा था कि कोई जनसांख्यिकीय परिवर्तन नहीं हुआ है, वह 1855 के संथाल विद्रोह का मुख्य केंद्र रहा है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि वहां 40,000 में से केवल सात संथाल परिवार कैसे बचे थे। अगर वे गायब हो गए तो वे कहां गायब हो गए। क्या यह जनसांख्यिकीय परिवर्तन नहीं हैं?”
बाउरी ने कहा कि 30 जून 1855 को बड़ी संख्या में संथाल भोगनाडीह के एक मैदान में एकत्र हुए और खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया। उन्होंने सिद्धो मुर्मू और कान्हू मुर्मू के नेतृत्व में ब्रिटिश शासकों और उनके एजेंटों के खिलाफ आखिरी दम तक लड़ने की शपथ ली।
सोरेन ने रांची में रैली में कहा था कि आरएसएस चूहों की तरह राज्य पर हमला कर रहा है और इसे नष्ट कर रहा है। जब आप ऐसी ताकतों को अपने गांवों में ‘हंडिया’ और ‘दारू’ (स्थानीय रूप से बनी शराब) के साथ प्रवेश करते देखें तो उन्हें भगा दें। वे चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ के लिए सांप्रदायिक अशांति और तनाव पैदा करना चाहते हैं। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री की झारखंड में मौजूदगी पर सवाल उठाया, जबकि उनके अपने राज्य में आदिवासियों को कथित तौर पर अत्याचार का सामना करना पड़ता है। सोरेन ने इस मुद्दे पर बुधवार को सरमा को पत्र भी लिखा।
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