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Minimum Wage in Delhi: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में काम करने वाले श्रमिकों को बड़ा तोहफा देते हुए उनकेलिए नए वेतनमान की घोषणा की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कुर्सी संभालते ही राष्ट्रीय राजधानी में काम करने वाले श्रमिकों को एक बड़ा गिफ्ट दिया है। सीएम आतिशी ने राष्ट्रीय राजधानी में काम करने वाले श्रमिकों के लिए नए वेतनमान की घोषणा कर दी है। मुख्यमंत्री ने अकुशल श्रमिकों के लिए 18,066 रुपये, अर्ध-कुशल के लिए 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 21,917 रुपये न्यूनतम वेतन की घोषणा की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के इस ऐलान से स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अब किसी भी श्रमिक की सैलरी 18 हजार से कम नहीं होगी। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को असंगठित क्षेत्र में अकुशल श्रमिकों के लिए 18,066 रुपये, अर्ध-कुशल के लिए 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 21,917 रुपये न्यूनतम वेतनमान का ऐलान किया है।
दिल्ली के सीएम के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने शहरी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी लागू की थी जो देश में सबसे ज्यादा थी। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर गरीब विरोधी होने का भी आरोप लगाया।
आतिशी ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में न्यूनतम मजदूरी शायद दिल्ली में दी जा रही मजदूरी का आधा है। केजरीवाल सरकार ने न केवल अदालत के जरिए न्यूनतम मजदूरी लागू की, वरन भाजपा की ओर से अडंगा लगाने के बावजूद हर साल दो बार इसकी समीक्षा भी सुनिश्चित की।
यही नहीं दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी के मेडिकल संस्थानों से यूजी और पीजी दोनों कार्यक्रमों में अखिल भारतीय कोटा और राज्य कोटा से पास होने वाले मेडिकल छात्रों के लिए एक साल का सेवा बांड अनिवार्य कर दिया है। यह आदेश दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की ओर से जारी किया गया है। इस फैसले के बाद मेडिकल छात्रों को दिल्ली सरकार के तहत चिकित्सा संस्थानों में एक साल तक सेवा करनी जरूरी होगी।
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