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दिल्ली में जाम को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस एवं डीटीसी अधिकारी संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। इसके लिए दोनों विभागों ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया है। जिसमें ट्रैफिक पुलिस बस की खराबी को लेकर पूरी जानकारी साझा करती है।
राजधानी दिल्ली में जाम को कम करने के लिए ट्रैफिक पुलिस एवं डीटीसी अधिकारी संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं। इसके लिए दोनों विभागों ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया है। ट्रैफिक पुलिस ग्रुप में बस की खराबी को लेकर पूरी जानकारी साझा करती है और डीटीसी अधिकारी तुरंत संज्ञान लेकर बस को ठीक करवाते हैं। पहले जहां इस कार्य में 60 से 90 मिनट तक लगते थे, अब 25 से 30 मिनट में हो जाता है।
दिल्ली में जाम लगने के प्रमुख कारणों में सड़क पर बसों की खराबी शामिल है। औसतन 100 बसें (डीटीसी और क्लस्टर) रोजाना खराब होती हैं। बस खराब होने के बाद उस डिपो को सूचित किया जाता था, जहां की वह बस है। फिर वहां से मकैनिक आकर इसे ठीक करता था, तब जाकर बस को सड़क से हटाया जाता था। इस दौरान हजारों वाहन चालकों को लंबे जाम का सामना करना पड़ता था।
ट्रैफिक पुलिस के विशेष आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि उन्होंने डीटीसी की एमडी शिल्पा शिंदे से इस समस्या को लेकर चर्चा की। इसके बाद दोनों विभागों के अधिकारियों को साथ लेकर एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया। दिल्ली के किसी भी हिस्से में बस खराब होने पर उसकी जानकारी ट्रैफिक पुलिस द्वारा ग्रुप में डाली जाती है। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर तुरंत गाड़ी को ठीक किया जाता है। इसकी वजह से बस को औसतन 30 मिनट के भीतर हटा लिया जाता है।
नजदीकी डिपो से हो रही मरम्मत
पहले बस में खराबी आने पर उसी डिपो से मकैनिक आता था, जहां की वह बस है। इसमें काफी समय लगता था। व्हाट्सएप ग्रुप पर बस की खराबी का पता लगते ही अब नजदीकी डिपो से ही मकैनिक को भेजा जा रहा है। इससे कुछ ही मिनटों में बस को सड़क से हटा लिया जाता है।
चालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा
विशेष आयुक्त अजय चौधरी ने बताया कि इन बसों में खराबी आने पर वह उसी जगह खड़ी रह जाती हैं। मकैनिक आकर इसके हाइड्रोलिक प्रेशर को रिलीज करता है, जिसके बाद बस को हटाया जाता है। चालकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वह खुद यह प्रेशर रिलीज कर सके।
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