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गढ़वा में पुलिस से आक्रोशित ग्रामीणों पर चलाई लाठियां; हवाई फायरिंग भी की।
गढ़वा में पुलिस हिरासत में एक शख्स की मौत हो जाने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने पर हमला कर दिया। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए ग्रामीणों पर जमकर लाठियां बरसाई। साथ ही हवाई फायरिंग भी की।
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मामला गढ़वा के डंडई थाना क्षेत्र का है। मृतक की पहचान जरही गांव निवासी बालकेसर भुइयां के बेटे बच्चा भुइयां (50) के रूप में हुई है। पुलिस ने बच्चा भुइंया को चाकूबाजी के आरोप में हिरासत में लिया था। उसकी मौत की खबर मिलते ही ग्रामीण डंडई लवाही मुख्य सड़क को जाम कर थाना गेट के सामने धरने पर बैठ गए।
थाना घेराव के दौरान भीड़ काफी आक्रोशित थी। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीण थाना परिसर के अंदर घुसने का प्रयास कर रहे थे। बवाल को देखते हुए थाना कर्मियों ने किसी तरह मुख्य गेट को बंद कर दिया। इसके बाद जाकर ग्रामीण थाना गेट के सामने मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए।
कुछ देर बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने थाने पर पथराव करना शुरू कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस को लाठीचार्ज के साथ ही हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी।
थाने का घेराव करते हुए आक्रोशित भीड़।
पुलिस के खिलाफ ग्रामीणों ने की नारेबाजी
इस दौरान पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद, डंडई थाना पुलिस होश में आओ, बच्चा भुइयां को जिंदा वापस दो, थाना में पिटाई करना बंद करो, थाने में मनमानी नहीं चलेगी, पुलिस प्रशासन होश में आदि के नारे लगाए गए थे।
क्या है पूरा मामला
घटना के संबंध में बताया जाता है कि शुक्रवार (20 सितंबर) को सुबह 7 बजे नशे कि हालत में बच्चा भुइयां ने गांव के ही हीरा साव के बेटे धनंजय साव (35) के पेट में चाकू मार दिया था। हमले के बाद गंभीर हालत में धनंजय साव को स्थानीय सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया गया था।
इसी बीच ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची डंडई पुलिस ने बच्चा भुइयां को तत्काल गिरफ्तार करके थाने ले गई थी। डंडई पुलिस के अनुसार चाकूबाजी मामले में किसी तरह का आवेदन नहीं मिलने की वजह से उसे छोड़ दिया गया था।
इसके बाद पीड़ित के पिता हीरा साव ने इस मामले में सोमवार को बच्चा भुइयां के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। जिसके बाद बच्चा भुइयां को सोमवार करीब 5.30 बजे गिरफ्तार कर थाना लाया गया था। बाद में थाना के बाल मित्र कक्ष के खिड़की में गमछा के सहारे उसका शव लटकता हुआ मिला।
आक्रोशितों में महिलाएं भी शामिल थी।
मजिस्ट्रेट की देखरेख में शव को खिड़की से नीचे उतारा गया
वहीं, डंडई थाना प्रभारी जनराधन राउत ने बताया कि हमलोगों ने बच्चा भुइयां की मौत से जुड़ी जानकारी अपने ऊपर के पदाधिकारी को दी। इसके बाद मजिस्ट्रेट की देखरेख में शव को खिड़की से उतार कर पोस्टमॉर्टम के लिए गढ़वा भेजा गया। इधर, परिजनों को जब बच्चा भुइयां की थाना हिरासत में मौत की सूचना मिली तो परिजन सहित जरही के ग्रामीण आक्रोशित होकर थाना पहुंच गए और हंगामा करने लगे।
परिजन बोले- थाने में बेरहमी से पिटाई के कारण हुई मौत
वहीं, मामले में मृतक बच्चा भुइयां के परिजनों ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे चाकू हमले मामले में बच्चा भुइयां को गिरफ्तार कर थाना ले जाया गया था। गिरफ्तारी के बाद उसे चार दिन तक थाना में ही रखा गया। इस दौरान उसे भरपेट खाना भी नहीं दिया गया और बेरहमी से पीटा गया। जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में पुलिस प्रशासन द्वारा थाना में फांसी लगाने की बात कही गई। साथ ही परिजनों को बिना सूचना दिए ही पुलिस प्रशासन द्वारा पोस्टमॉर्टम के लिए शव को गढ़वा भेज दिया गया।
घटना का अनुसंधान करने पहुंचे एसडीपीओ नीरज कुमार ने बताया कि ‘जरही निवासी हीरालाल साव द्वारा सोमवार को चाकू मामले में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसी मामले में बच्चा भुइयां को सोमवार को करीब 5:30 बजे गिरफ्तार कर थाना लाया गया था और उसने थाना परिसर के बाल मित्र कक्ष में फांसी लगा लिया।’
पुलिस की थ्योरी पर उठ रहे कई सवाल
अब सवाल उठता है कि बच्चा भुइयां को इतने दिनों तक हिरासत में कैसे रखा गया। उसे हाजत में नहीं रखकर बाल मित्र कक्ष में क्यों रखा गया। हाजत में कोई चीज ले जाने की मनाही है, उसमें गमछा कैसे जाने दिया गया। इस संबंध में थाना प्रभारी जनार्दन रावत का कहना है कि चाकू मामले में 20 सितंबर को बच्चा भुइयां को थाना लाया गया था, लेकिन उसे छोड़ दिया गया था। फिर उसे सोमवार को गिरफ्तार किया गया था।
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