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उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेले गोगामेड़ी में इस वर्ष रिकॉर्ड 24 लाख 58 हजार श्रद्धालु पहुंचे।
हिंदू, मुस्लिम सहित प्रत्येक वर्ग और धर्म के अनुयायियों की आस्था के प्रतीक उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेले गोगामेड़ी में हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व हिमाचल प्रदेश से प्रतिवर्ष लाखों व्यक्ति लोक देवता ग
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मेले के दौरान ऊंट का नृत्य दिखाता एक पशुपालक।
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त ओम प्रकाश ने बताया कि 2023 में 23.19 लाख श्रद्धालु मेले में पहुंचे थे। इस वर्ष श्रद्धालुओं की संख्या बढ़कर 24.58 लाख हो गई। इस वर्ष भेंट और चढ़ावे की राशि में भी बढ़ोतरी हुई। जहां पिछले वर्ष 184.20 लाख रुपए प्राप्त हुए, वहीं इस वर्ष 212.56 लाख रुपए चढ़ावे के रूप में प्राप्त हुए। 2023 में अस्थाई दुकानों व भूखंड के नीलामी से 527.31 लाख रुपए की आय अर्जित हुई। वहीं, इस वर्ष 558.46 लाख रुपए की आय अर्जित हुई। देवस्थान विभाग को पिछले वर्ष की तुलना में 59.51 लाख रुपए की अधिक आय हुई।
सांप्रदायिक एवं सद्भावना के प्रतीक उत्तर भारत के प्रसिद्ध गोगामेड़ी मेले की शुरुआत पूर्णिमा, 19 अगस्त को पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री जोराराम ने पूजा-अर्चना के बाद राष्ट्रीय ध्वजारोहण कर शुभारंभ किया था। मेला मजिस्ट्रेट पंकज गढ़वाल ने गोगामेड़ी मेला क्षेत्र में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में 18 सितंबर को मेले के समापन की घोषणा की। गोगा जी को हिन्दू लोग वीर के रूप में और मुस्लिम पीर के रूप में पूजते हैं। श्रद्धालु पहले गोगाजी के मंदिर से दो किलोमीटर दूर गोगाणा के पवित्र तालाब में स्नान कर गुरु गोरखनाथ के धुणे पर शीश नवाते हैं। बाद में गोगामेड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।
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