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हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान के अब मुश्किल से 11 दिन ही बचे हैं। गुरुग्राम विधानसभा की चार में से तीन सीटों पर अभी भी त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है।
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर मतदान के अब मुश्किल से 11 दिन ही बचे हैं। गुरुग्राम विधानसभा की चार में से तीन सीटों पर अभी भी त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है। गुरुग्राम, बादशाहपुर और सोहना के मतदाता भी अभी तक असंजस की स्थिति में है कि किस पार्टी और किस उम्मीदवार को अपना वोट देना है। हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी।
पटौदी विधानसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला बना हुआ है। ऐसे में अब सोहना, गुरुग्राम और बादशाहपुर तीनों सीटों पर आने वाले एक सप्ताह में पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं की रैलियों से शायद यहां कुछ समीकरण बदल सकते हैं।
बता दें कि हरियाणा के तीन जिले- गुरुग्राम, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़, अहीरवाल बेल्ट मानी जाती है। 2014 और 2019 में बीजेपी के लिए यह सबसे मजबूत क्षेत्र रहा है। यहां बीजेपी उम्मीदवारों ने 2014 में 11 और 2019 में 8 सीटें जीतकर पार्टी की झोली में डाली थीं। अहीर बाहुल्य इस इलाके में पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा राव इंद्रजीत सिंह हैं। कांग्रेस के बड़े नेताओं में कैप्टन अजय सिंह यादव और राव दान सिंह भी इसी बेल्ट से आते हैं। भाजपा में अभय सिंह यादव और राव नरबीर जैसे इक्का-दुक्का चेहरों को छोड़ दें तो पूरी अहीर बेल्ट को राव इंद्रजीत अपने हिसाब से हांकते रहे हैं। उनका यही स्टाइल इस बार उनकी मुसीबतें बढ़ाता दिख रहा है।
मतदाताओं के मौन ने प्रत्याशियों की चिंता बढ़ाई
गुरुग्राम विधानसभा सीट पर अभी तक त्रिकोणीय मुकाबला बना हुआ है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधे मुकाबले के बीच भाजपा के बागी ने मुश्किलें बढ़ा दी है। वहीं बीजेपी के परपंरागत मतदाता भी इस बार मौन हैं। इसने पार्टी की बैचेनी बढ़ा दी है। गुरुग्राम विधानसभा सीट पर इस बार बीजेपी ने युवा उम्मीदवार पहलवान मुकेश शर्मा को टिकट देकर सभी को चौंका दिया।
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