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पदमपुरा प्रकरण में शेष मांगों की जांच करवाकर कार्रवाई करने की मांग को लेकर डीआईजी से मिलते राजपूत समाज के लोग।
राजपूत समाज का प्रतिनिधि मंडल रविवार को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त हरफूलसिंह यादव और डीआईजी प्रदीप मोहन शर्मा से मिला। उन्होंने पदमपुरा प्रकरण को लेकर 4 सितम्बर 2024 को जो प्रदर्शन राजपूत समाज ने किया था और जिन मांगों पर सहमति बनी थी। उनमें से कई मांगें
.
यह है मामला
16 जुलाई 2024 को देसूरी थाना क्षेत्र के ढालोप गांव में प्लॉट के विवाद में हेमाराम चौधरी और उसके परिवार पर पुष्पेंद्र सिंह सहित अन्य लोगों ने हमला किया। हमले में हेमाराम गंभीर घायल हो गया था। जिन्हें जोधपुर रेफर किया गया था।
24 जुलाई 2024 को घटना के विरोध में सीरवी समाज के लोग रैली के रूप में SP ऑफिस पहुंचे थे और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी।
29 अगस्त 2024 : घटना के 45 दिन बाद भी आरोपियों के गिरफ्तार नहीं किए जाने के विरोध में सीरवी समाज के लोग रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे और उग्र प्रदर्शन किया। देसूरी थाने के तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने, आरोपियों के अतिक्रमण की जांच कर उन्हें हटाने और उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम जोधपुर के बुलाने के आश्वासन के बाद सीरवी समाज ने धरना समाप्त किया था।
30 अगस्त 2024 : ढालोप ग्राम पंचायत के पदमपुरा गांव में प्रशासन की टीम ने कार्रवाई कर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण चिह्नित कर उसे हटाने की कार्रवाई की थी।
4 सितम्बर 2024 : दबाव में आकर प्रशासन द्वारा चारदीवारी तोड़ने की कार्रवाई की जाने की बात कहते हुए राजपूत समाज के लोग पाली में एकत्रित हुए। जो अपनी मांगों को लेकर संभागीय आयुक्त को ज्ञापन सौंपने पहुंचे थे।
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