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ग्वालियर में क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। ऑनलाइन व टेलीग्राम एप पर जॉब टास्क का ऑफर देकर लोगों से ठगी करने वाली गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक फेडरल बैंक का डिप्टी मैनेजर है। सभी का काम ठगी करने वालों को बैंक अका
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बैंक अकाउंट किराए पर देते थे और ठगी की रकम आने पर उसे कमीशन काटकर ठगों को ट्रांसफर कर देते थे। हाल ही में एक युवक से 9.45 लाख रुपए की ठगी में इन लोगों के अकाउंट में कैश आया था और निकाला गया था। पुलिस ने आरोपियों से 8 एटीएम कार्ड, 2 बैंक पासबुक, 2 चेकबुक, 3 सिमकार्ड व 9 मोबाइल फोन तथा स्विफ्ट कार बरामद की है। फिलहाल इनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ग्वालियर राकेश कुमार सगर,(भापुसे) को आवेदक बलविन्दर सिंह गिल निवासी सिटी सेन्टर ग्वालियर ने एक शिकायती आवेदन दिया था। जिसमें उसने बताया था कि उसके साथ टेलीग्राम पर जॉब टॉस्क का झांसा देकर टेलीग्राम ग्रुप में एड करके 9.45 लाख रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई है। आवेदक की शिकायत को गंभीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक ग्वालियर ने क्राइम ब्रांच काे जांच के लिए लगाया था। विवेचना में पाया गया कि अधिकतर राशि ग्वालियर के बैंक अकाउंट में स्थानांतरित हुई है व कुछ राशि ग्वालियर से ही निकाली गई है। पुलिस टीम को तकनीकी सहायता के आधार पर पता लगा कि जिस बैंक खाते में फ्रॉड की राशि स्थानांतरित हुई है वह खाता सोहेल खान पुत्र कल्लू खान निवासी मेवाती मोहल्ला ग्वालियर का है। जिस पर से पुलिस टीम द्वारा उक्त खाता धारक को हिरासत में लेकर उसकी निशादेही पर उसके अन्य साथियों को हिरासत में लिया गया। साइबर फ्रॉड के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे पकड़े गए सोहेल खान से पूछताछ के बाद पकड़े गये आरोपियों से पूछताछ करने पर आरोपी प्रयल अष्ठाना पुत्र स्व0 प्रदीप कुमार अष्ठाना द्वारा अपने साथी इमरान खान, आकाश कोहली, वीर सिंह कौरव व साथ हर फैडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया के साथ मिलकर ऑनलाइन ठगी के लिये लोगों के खाते खोलकर सायबर फ्रॉड़ के लिए उपलब्ध करना बताया। इमरान व आकाश गरीब खाता धारक तलाशते थे पूछताछ में पता लगा कि इमरान व आकाश ऐसे लोगों को ढूंढते थे जिन्हे पैसों की जरूरत होती थी, उन्हे पैसे देकर खाता खुलवाने के लिये प्रयल अष्ठाना के पास भेजते थे। प्रयल अष्ठाना अपने साथी वीरू कौरव के साथ मिलकर खाता खुलवाने व पैसे निकालने के लिये बैंक जाता था। आरोपी प्रयल अष्ठाना अपने साथी सिटी सेंटर स्थित फैड़रल बैंक के डिप्टी मैनेजर ऋतिक सनोटिया से भेजे गये लोगों के खाते ज्यादा वैरीफिकेशन न करके जल्द से जल्द खोलने की बोलता था और उसके एवज में प्रति खाते पर 10,000 रुपए फेडरल बैंक के डिप्टी मैनेजर को देता था। पुलिस टीम द्वारा पकड़े गये आरोपीगणांे से 08 एटीएम कार्ड, 02 बैंक पासबुक, 02 चेकबुक, 03 सिमकार्ड व 09 मोबाइल फोन तथा स्विफ्ट कार को विधिवत जप्त किया गया हैं। अलर्ट रहें ऐसा कोई जॉब नहीं होता पुलिस अधीक्षक ग्वालियर राकेश कुमार सगर ने कहा है कि आजकल प्राय देखने में आ रहा है कि ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब/टॉस्क का झांसा देकर टेलीग्राम ग्रुप पर जोड़कर टॉस्क देकर शुरूआत में पैसे का प्रलोभन देकर ऑनलाइन घोखाधडी की जा रही है। इस प्रकार की धोखाधडी में फ्रॉडस्टर द्वारा विश्वसनीयता बनाये रखने के लिये शुरूआत में इनवेस्ट करने वाले व्यक्ति को छोटे अमाउंट पर प्रोफिट दिया जाता है जैसे ही इनवेस्ट करने वाला व्यक्ति बड़ी राशि इनवेस्ट करता है तो वह सायबर ठगी का शिकार हो जाता है। फ्रॉडस्टर के द्वारा ठगी की राशि वापस नही की जाती है।
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