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छतीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों के दहशत के कारण आज भी कई गांव तक सड़क नही पहुंच पाई है। ऐसे में कोंटा से लगे बेदरे बोडम पारा में एंबुलेंस चालक व ईएमटी ने मरीज को खाट पर लादकर 18 किलोमीटर पैदल कंधों पर खाट के सहारे एंबुलेंस तक पहुंचाया। इसके बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कपिल ठाकुर ने रविवार को बताया कि मरीज चार दिनों से बीमार था। परिजन उसे अस्पताल नहीं ले गए, लेकिन जब स्वास्थ्य ज्यादा खराब हुआ तो 108 संजीवनी एंबुलेंस को कॉल की इसके बाद वाहन के ईएमटी व पायलेट पैदल मरीज को अस्पताल ले गए। परिजनों ने बताया कि बेदरे बोडम पारा निवासी मड़ियम पंडु (25) चार दिन से बीमार था। परिजन उसे किसी भी अस्पताल नहीं ले जा पा रहे थे, जिसके चलते मरीज चार दिनों तक घर में ही पड़ा रहा। मरीज के स्वास्थ्य में गिरावट को देखते हुए परिजनों ने दोपहर को 108 संजीवनी एक्सप्रेस को फोन किया गया।
उन्होंने बताया कि एंबुलेंस 108 के ईएमटी रोहित व पायलेट दिलीप अपने वाहन को लेकर मरीज को लेने निकले गांव के बीच सड़क पर एंबुलेंस को खड़ी करने के बाद पैदल परिजनों के साथ गांव बेदरे बोडम पारा पहुंचे, जहां मरीज चलने की हालात में बिल्कुल भी नहीं था। ऐसे में परिजनों के साथ ही एंबुलेंस चालक के द्वारा खाट में मरीज को सुलाने के बाद उसे एक डंडे के सहारे कंधे पर लादकर मरीज को 18 किमी का सफर तय करने के बाद एंबुलेंस तक लेकर गए। इसके बाद उसे पीएचसी बासागुड़ा ले जाकर भर्ती कराया गया।
कपिल ठाकुर ने बताया कि सुकमा जिले में कई अंदरूनी इलाकों में सड़क नही होने के कारण कई बार ऐसे मामले आते रहते हैं। सुकमा जिले के सिलगेर से लगे बोडम पारा में गांव तक 108 एबुलेंस नही पहुंच पाया और उसके बाद एबुलेंस के कमर्चारी खाट के सहारे एबुलेंस तक ला और मरीज को अस्पताल में भर्ती कराया। मरीज की हालत सामान्य बताई जाती है।
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