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नई दिल्ली: दुनिया भर में महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण का मामला चरम पर है. हालांकि कई देशें में इसके खिलाफ अलग-अलग की तरह की सजा भी है. लेकिन इटली इस मामले में एक और कदम निकलते हुए नई सजा की घोषण कर दी है. इटली ने बुधवार को रासायनिक बधियाकरण (Castration) को वैध बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है. इसे लेकर सांसदों ने एक समिति के गठन को मंजूरी दे दी है. समिति हिंसक यौन अपराधियों के उपचार के लिए एंड्रोजन अवरोधक दवाओं से कानून का मसौदा तैयार कर सकेगी.
रोम में संसद के निचले सदन ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि उपचार सहमति से होना चाहिए, प्रतिवर्ती होना चाहिए और इसका उद्देश्य दोबारा अपराध करने के जोखिम को कम करना होना चाहिए. इसने सरकार को संबंधित समिति की स्थापना करने के लिए प्रतिबद्ध किया है. प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का दक्षिणपंथी प्रशासन कानून और व्यवस्था के मामले में सख्त दिखने की कोशिश कर रहा है. 2022 में सत्ता में आने के बाद से, उनकी सरकार ने दर्जनों नए अपराध और बढ़ी हुई सज़ाएं स्थापित करने वाले कानून पेश किए हैं.
मेलोनी ने ऐसी सजा देने का क्यों लिया फैसला
मेलोनी ने नेपल्स के किनारे स्थित एक वंचित शहर कैवानो के पुनर्विकास का नेतृत्व किया है, जो दो किशोर चचेरी बहनों के सामूहिक बलात्कार के बाद अपराध और अभाव का प्रतीक बन गया, जिसके लिए पांच लोगों को दोषी ठहराया गया था. मेलोनी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अगले कुछ महीनों के लिए सुरक्षा उनकी “प्राथमिकता” है.
विपक्ष ने किया विरोध
हालांकि विपक्ष मेलोनी के इस फैसले का विरोध कर रहा है. विपक्षी समूहों ने प्रस्तावों को “चरमपंथी” और “मानवता और न्याय का उल्लंघन” कहा है. विपक्षी केंद्र-वाम डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद सिमोना बोनाफे ने कहा कि लीग का प्रस्ताव “असंवैधानिक है… हमारी कानूनी प्रणाली की नींव को कमजोर करता है जिसने सदियों से शारीरिक दंड के उपयोग पर काबू पा लिया है.” ग्रीन और लेफ्ट अलायंस ने लीग के “दमन के लिए अंतहीन आह्वान” की आलोचना की.
Tags: Brutal rape, International news, World news
FIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 08:37 IST
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