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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी अपने पांच कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ लेकर सोमवार से कार्यभार संभालेंगी। उन्हें सत्ता की चाबी उस समय मिली है, जब उनके सामने तमाम चुनौतियां हैं। चार महीने बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी अपने पांच कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ लेकर सोमवार से कार्यभार संभालेंगी। उन्हें सत्ता की चाबी उस समय मिली है, जब उनके सामने तमाम चुनौतियां हैं। चार महीने बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव हैं। सरकार पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे हैं। उनके नेता अरविंद केजरीवाल की साख दांव पर लगी है, क्योंकि उन्होंने जनता की अदालत में जाकर चुनाव जीतने के बाद ही दोबारा कुर्सी बैठने पर फैसला किया है।
सत्ता की इस राह में आतिशी के सामने सबसे बड़ी चुनौती बजट में की गई घोषणा और पहले लागू लेकिन वर्तमान में रुकी हुईं योजनाओं को लागू करके उसका लाभ जन-जन तक पहुंचाना है। उसमें सबसे पहला नाम आता है महिला सम्मान निधि का। यह चुनाव से पहले लागू होती है तो आम आदमी पार्टी के लिए यह मास्टर स्ट्रोक होगा, क्योंकि यह आधी आबादी का वोट अपने पक्ष में कर सकती है। यही वजह है कि सत्ता के गलियारों में चर्चा है कि आतिशी सरकार की पहली कैबिनेट में ही महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपये देने की योजना को मंजूरी दी जा सकती है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इसका प्रस्ताव तैयार है।
उनके सामने दूसरी चुनौती जल बोर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के साथ-साथ पानी के बिलों में गड़बड़ी के चलते छूट की घोषणा को लागू कराना है। उसके चलते दिल्ली में लाखों उपभोक्ता बिल जमा नहीं कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार बिल में छूट की योजना लेकर आएगी। लोगों की नजरें इस योजना पर भी हैं। इसके अलावा दिल्ली में मोहल्ला बस परिचालन की योजना भी लंबित चल रही है, उसका परिचालन भी जल्द शुरू हो सकता है, क्योंकि बसों की खरीद हो चुकी है।
मंजूरी का इंतजार
दिल्ली सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं जैसे डोर स्टेप डिलीवरी जो छह माह से बंद है, उसे दोबारा शुरू करना, क्योंकि कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिलने के कारण यह रुकी हुई है। इसी तरह इलेक्ट्रिक वाहन नीति को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। वह भी पांच महीने से अधिक समय से बंद है। सूत्रों की मानें तो इन योजनाओं को आगे जारी रखने को लेकर प्रस्ताव तैयार है, मगर केजरीवाल के जेल में होने के कारण रुकी हुई थीं। अब आतिशी के आने के बाद इसे भी जमीन पर उतारना होगा।
बेहतर तालमेल जरूरी
नई सरकार के सामने योजनाओं को लागू कराने से लेकर भी सबसे बड़ा काम है इन योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए बेहतर समन्वय बनाना। दिल्ली की चुनी हुई सरकार के साथ राजनिवास के रिश्ते जगजाहिर हैं। ऐसे में साफ है कि योजनाओं को लागू कराना इतना आसान नहीं होगा, मगर सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से उबरने के लिए योजनाओं को जमीन पर उतारना सरकार की पहली प्राथमिकता है। ऐसे में सरकार को एलजी के साथ बेहतर तालमेल बैठाना भी चुनौती होगी।
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