[ad_1]
PM Modi US Visit: क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय आधिकारिक दौरे पर अमेरिका पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी के अमेरिका पहुंचने से कुछ घंटे पहले व्हाइट हाउस ने खालिस्तान आंदोलन के समर्थक सिखों के एक समूह से मुलाकात की. इस दौरान व्हाइट हाउस ने उन्हें “अपनी धरती पर किसी भी अंतरराष्ट्रीय आक्रमण से सुरक्षा” का आश्वासन दिया.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस ने कहा कि वह अमेरिकी नागरिकों को देश की सीमाओं के भीतर किसी भी तरह के नुकसान से बचाने के लिए उनके साथ खड़ा हैं. यह घटनाक्रम ऐसी चिंताओं के बीच सामने आया है, जब कनाडा और अमेरिका खालिस्तानी अलगाववादियों को शरण दे रहे हैं.
खालिस्तान आंदोलन से जुड़े समूह भारत में है बैन
दरअसल, खालिस्तान आंदोलन से जुड़े समूह भारत में प्रतिबंधित हैं. इनमें से कई संगठनों ने पिछले कुछ दशकों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया है. जबकि अमेरिका ने ऐसे तत्वों को “आश्रय देने” पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. वहीं, कनाडा ने इसे अपनी “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” कहा है.
US की ओर से खालिस्तानियों के समर्थन पर क्या बोले जयशंकर?
इस मामले को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “भारत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करता है और उसका पालन करता है, लेकिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब अलगाववाद का समर्थन करने की स्वतंत्रता नहीं है. इसका मतलब विदेशी राजनयिकों को धमकाने या हिंसा की वकालत करने वाले तत्वों को राजनीतिक स्थान देने की स्वतंत्रता नहीं है.” उन्होंने कहा, “किसी भी नियम-आधारित समाज में, आप सोचेंगे कि आप लोगों की पृष्ठभूमि की जांच करेंगे, वे कैसे आए, उनके पास कौन सा पासपोर्ट था आदि.”
जयशंकर ने कहा था, “अगर आपके पास ऐसे लोग हैं जिनकी मौजूदगी खुद बहुत संदिग्ध दस्तावेजों पर दर्ज है तो यह आपके बारे में क्या कहता है? यह वास्तव में कहता है कि आपका वोट बैंक वास्तव में आपके कानून के शासन से ज्यादा शक्तिशाली है.”
जानिए क्यों हुई व्हाइट हाउस की बैठक?
यह बैठक आधिकारिक व्हाइट हाउस परिसर में आयोजित की गई. इसमें अमेरिकन सिख कॉकस कमेटी के प्रीतपाल सिंह और सिख गठबंधन और सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
इस दौरान अमेरिकन सिख कॉकस कमेटी के संस्थापक प्रीतपाल सिंह ने पीटीआई को बताया, “कल हमें सिख अमेरिकियों की जान बचाने और हमारे समुदाय की सुरक्षा में सतर्कता बरतने के लिए वरिष्ठ संघीय सरकारी अधिकारियों को धन्यवाद देने का मौका मिला. हमने उनसे और अधिक करने को कहा, और हम उनके इस आश्वासन पर कायम रहेंगे कि वे ऐसा करेंगे.”
ये भी पढ़ें: ‘इंडिया आउट’ का नारा देने चले थे मुइज्जू, मुसीबत में भारत ने दिखाई दरियादिली तो मालदीव बोला- थैंक्यू
[ad_2]
Source link