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गुरुग्राम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (डीटीपीई) ने खरीदी जाने वाली फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) के दामों में वृद्धि कर दी है। इससे बड़े मकान बनाना अब 20 प्रतिशत महंगा हो गया है। 8 साल बाद एफएआर के दाम बढ़ाए गए हैं।
गुरुग्राम नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (डीटीपीई) ने खरीदी जाने वाली एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) के दामों में वृद्धि कर दी है। इससे बड़े मकान बनाना अब 20 प्रतिशत महंगा हो गया है। 8 साल बाद एफएआर के दाम बढ़ाए गए हैं।
नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, गुरुग्राम में 250 वर्ग मीटर तक की जमीन पर मकान निर्माण को लेकर एफएआर खरीदने के दामों को नहीं बढ़ाया है। इस प्लॉट एरिया से अधिक एरिया साइज के प्लॉट में एफएआर खरीदने के दामों में वृद्धि की गई है। 250 से 300 वर्ग मीटर तक पहले एफएआर खरीदने के रेट 3770 रुपये प्रति वर्ग मीटर होते थे। अब इसे 4500 रुपये प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया है।
350 वर्ग मीटर से 450 वर्ग मीटर के प्लॉट में एफएआर खरीदने पर 6500 रुपये प्रति वर्ग मीटर देना होगा। पहले 420 वर्ग मीटर तक 5380 रुपये प्रति वर्ग मीटर राशि देनी पड़ती थी। इसके अलावा 500 वर्ग मीटर से अधिक एरिया के प्लॉट की एवज में 10 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की राशि की अदायगी करनी होगी। पहले यह राशि 8070 प्रति वर्ग मीटर थी। भवन निर्माता कंपनी के प्रबंध निदेशक अमित दुरेजा के मुताबिक बड़े मकान का निर्माण महंगा हो गया है।
पालम विहार में 11 मकानों के पानी कनेक्शन कटेंगे
गुरुग्राम के पालम विहार के 11 रिहायशी प्लॉट पर अवैध रूप से निर्मित 16-16 फ्लैट को लेकर नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। डीटीपीई ने शुक्रवार को नगर निगम, डीएचबीवीएन और तहसीलदार को पत्र लिखा है। नगर निगम से पानी और सीवर का कनेक्शन काटने का आग्रह किया है, जबकि डीएचबीवीएन की तरफ से बिजली कनेक्शन काटे जाएंगे।
इस तरह तहसीलदार से आग्रह किया है कि इन मकानों में अवैध रूप से निर्मित फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं की जाए। पालम विहार के सी-दो ब्लॉक में यह कार्रवाई मकान नंबर 913, 921, 922, 924, 935, 951, 956, 979बी, 1226, 1251, 1310 के खिलाफ की जाएगी। इन मकानों पर अवैध रूप से निर्मित फ्लैट के खिलाफ इस कॉलोनी की आरडब्ल्यूए ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अब हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करने के लिए डीटीपीई कार्यालय की तरफ से इन फ्लैट के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाने का काम शुरू कर दिया है। आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते यह मकान बन गए। फ्लैट की रजिस्ट्री हो गई और बिजली कनेक्शन भी मिल गए।
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