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झारखंड में पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को पकड़ा है जो फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे। उसके बाद बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारियां लेकर उनके अकाउंट खाली कर देते थे।
झारखंड में पुलिस ने चार साइबर अपराधियों को पकड़ा है जो फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे। उसके बाद बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारियां लेकर उनके अकाउंट खाली कर देते थे।
झारखंड के जामताड़ा साइबर थाना की पुलिस ने गुरुवार की देर शाम को करमाटांड़ व नारायणपुर थाना क्षेत्र के दो अलग-अलग गांव में छापेमारी कर चार साइबर आरोपियों को गिरफ्तार किया। जिसमें करमाटांड़ थाना क्षेत्रन्तर्गत लोहरबंधा गांव निवासी मो जाफर असारी व मो बाबर अंसारी शामिल है। ये दोनों सहोदर भाई है। जबकि नारायणपुर थाना क्षेत्रन्तर्गत भेलाटाड़ गांव से बैद्यनाथ दास तथा गोरांग दास की गिरफ्तारी हुई है।
इन आरोपियों के पास से 12 मोबाइल,14 सिम,01 एटीएम कार्ड,04 पासबुक,04 आधार कार्ड एवं 01 पैन कार्ड बरामद किया गया है। इस संबंध में जामताड़ा साइबर थाना प्रभारी अब्दुल रहमान ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि गिरफ्तार साइबर आरोपियों को मेडिकल जांच कराने के बाद न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय के आदेश पर चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
बताया कि जामताड़ा साईबर अपराध थाना कांड सख्या- 56/24 के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता की धारा 111(2) /317(2)/ 318(4)/319(2)/336(3)/338/ 340(2)/ 3(5) एवं आईटी एक्ट की धारा 66(बी) (सी) (डी) कळअउळ के अंतर्गत कांड दर्ज किया गया है। कहा कि गिरफ्तार आरोपियों ने अपने अपराध शैली को लेकर स्वीकार किया है कि ये सभी पश्चिम बंगाल, बिहार, हरियाणा और कर्नाटक के लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।
फर्जी बैंक अधिकारी बनकर लोगों को फोन करके सोलह अंक का एटीएम नंबर,सीवीवी नंबर एवं ओटीपी नंबर प्राप्त कर विभिन्न ई वालेट एवं फर्जी बैंक खातों के माध्यम से अपने खातों में ट्रांसफर किया जाता था। वही यु ट्यूब में जाकर कस्टमर केयर का विडियो प्ले कर उसी विडियो को स्क्रीन रिकार्डिंग करके लोगों के मोबाईल में भेजते थे। उसी दौरान लोगों का कॉल आता था। फिर कॉल में बात करके सोलह अंक का एटीएम नंबर, सीवीवी नंबर प्राप्त कर विभिन्न ई वालेट एवं फर्जी बैंक खातों के माध्यम से अपने खाती में ट्रांसफर कर लेते थे।
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