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66 वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन इस बार 12 से 18 नवंबर तक कालिदास संस्कृत अकादमी में होगा। सप्त दिवसीय समारोह के लिए 6 देशों के विद्वान और कलाकारों को आमंत्रित किया है। वहीं देश के 10 से 12 संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति भी भागीदारी करेंगे
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कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ. गोविंद गंधे ने बताया कि इस बार कालिदास समारोह को भव्य और अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने के लिए 6 देशों कलाकार और विद्वानों को आमंत्रित किया है। इन देशों में पोलैंड, यूके, रसिया, मलेशिया, यूएसए और नेपाल शामिल है। वही देश के करीब 10 से 12 संस्कृत संस्थान और विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी आमंत्रित किया है। इस बार शोध संगोष्ठी व व्याख्यानमाला का विषय कालिदास के साहित्य में पंचतत्व विमर्श रखा गया है। समारोह आयोजन को लेकर सबसे पहले स्थानीय समिति की बैठक 24 अगस्त को संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी की अध्यक्षता में हो चुकी है। स्थानीय बैठक में आए सुझावों को केंद्रीय समिति की बैठक में रखने के लिए भेज दिया है। केंद्रीय कालिदास समारोह समिति की बैठक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में अक्टूबर के पहले सप्ताह में आयोजित हो सकती है। केंद्रीय समिति की बैठक में सप्त दिवस की कालिदास समारोह के सांस्कृतिक कार्यक्रम तय होने के साथ ही शुभारंभ व समापन के अतिथि तय होंगे। समारोह के शुभारंभ के लिए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष के नाम का प्रस्ताव दिया गया है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2023 में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण अभा कालिदास समारोह का आयोजन नही हो सका था।
चित्र एवं मूर्ति कला के लिए अंतिम तिथि 3 अक्टूबर
अभा कालिदास समारोह में इस बार चित्र एवं मूर्ति कला प्रतियोगिता का विषय रघुवंशम रखा गया है। देशभर के चित्रकार व मूर्तिकारों द्वारा प्रविष्टि कालिदास अकादमी में भेजने के लिए 3 अक्टूबर अंतिम तिथि निर्धारित की है। इसके बाद प्राप्त चित्र व मूर्ति को चयन समिति पुरस्कार के लिए चयनीत किया जाएगा। चित्रकला मूर्ति कला के पुरस्कार प्राप्त करने वाले कलाकारों को समारोह के दौरान पुरस्कृत किया जाएगा।
शंख वादन के साथ एक हजार कलाकारों को आमंत्रित किया
इस बार 66 वें अभा कालिदास समारोह को भव्य बनाने के लिए समारोह के शुभारंभ के एक दिन पहले निकलने वाली कलश यात्रा में शामिल करने के लिए प्रदेश के विभिन्न अंचलों के करीब 1 हजार लोक कलाकारों को आमंत्रित किया जा रहा है। ये कलाकार अपने लोक वाद्ययंत्रों के साथ लोक नृत्य व वादन की प्रस्तुति देते हुए यात्रा में शामिल रहेगें। इसके अलावा पूणे के शंख वादन दल को भी आमंत्रित किया गया है। यह कलाकार शंख वादन करते हुए शंख की ध्वनी पर भजन की प्रस्तुति देंगे। समारोह की शोभायात्रा में शामिल होंगे शहर की प्रतिभाएं
अभा कालिदास समारोह के लिए 10 नवंबर को गढ़ कालिका माता मंदिर पर वाग्र्चन के साथ शुभारंभ होगा। 11 नवंबर को शिप्रा तट से कालिदास संस्कृत अकादमी तक कलश यात्रा निकलेगी। इस बार कलश यात्रा में उज्जैन नगर के साहित्य, कला, चित्रकला, मूर्तिकला, नृत्य, संगीत, विभिन्न खेलों में सर्वोच्च सम्मान व पुरस्कार प्राप्त प्रतिभाओं को शामिल किया जाएगा। शहर के यही प्रतिष्ठित प्रतिभाओं के माध्यम से पूरे शहर को कालिदास समारोह में आने के लिए आमंत्रण दिया जाएगा। कलश यात्रा भी इस बार दो भाग में रहेगी। शिप्रा तट से पूजन अर्चन कर कलश में जल लेने के पश्चात महाकाल मंदिर में पूजन अर्चन किया जाएगा। इसके बाद कलश यात्रा वाहनों के माध्यम से महाकाल मंदिर से विभिन्न मार्गो से होकर टॉवर चौक पहुंचेगी। इसके बाद यात्रा का दूसरा भाग टॉवर चौक से प्रारंभ होगा। यहां से यात्रा में शामिल सभी कलाकार, विद्वान, विशिष्ठजन, प्रतिभाएं और पुरस्कार व सम्मान प्राप्त प्रतिभाएं पैदल चलकर कालिदास अकादमी तक आएंगे। इससे आम जन भी यात्रा से जुड़ सकेंगे।
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