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भारत में महिलाएं एक दिन में औसतन करीब 7.23 घंटे कुछ नया सीखने में बिता रही हैं। इसमें लेह, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम और उत्तर प्रदेश की महिलाएं सबसे आगे हैं। देश के लगभग 68% जिलों में महिलाएं अपने फैसले खुद ले रही हैं और आर्थिक रूप से सशक्
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किसी भी राज्य की विधानसभा में महिला विधायकों का प्रतिनिधित्व 20% से अधिक नहीं है। हालांकि पश्चिम बंगाल और राजस्थान के कुछ जिलों में महिला विधायकों की संख्या बेहतर रही है लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं की भागीदारी को और मजबूत करने की जरूरत है। ये तथ्य आईआईएम अहमदाबाद के जेंडर सेंटर द्वारा जारी देश के पहले वुमन एमपावरमेंट इंडेक्स में सामने आया है। इस अध्ययन में महिला सशक्तिकरण से जुड़े कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। यह स्टडी देश के 705 जिलों की 15 से 49 वर्षीय महिलाओं पर की गई।
साक्षरता बढ़ने के बावजूद 54% जिलों की महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में नहीं हैं सशक्त 61% जिलों की महिलाओं का आर्थिक कामों पर अधिक नियंत्रण रहता है, इसमें वे वेतन, लोन और काम से जुड़े सभी फैसले खुद लेती हैं। लेकिन यह प्रतिशत शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कम है। 15 से 49 वर्षीय महिलाओं में साक्षरता बढ़ने के बावजूद सिर्फ 46% जिलों की महिलाएं ही शिक्षा के क्षेत्र में खुद को सशक्त महसूस करती हैं। इसमें लिटरेसी, इंटरनेट का इस्तेमाल और महिलाओं से जुड़ी योजना की जानकारी जैसे पॉइन्ट्स को शामिल किया गया था। यानि इन वर्गो की जानकारी उनके पास सीमित होती है।
वहीं वर्क लाइफ बैलेंस में भी महिलाएं पिछड़ रही हैं। सिर्फ 32% जिलों की महिलाएं ही बेहतर ढंग से वर्क और लाइफ मैनेज कर पा रही हैं। रिपोर्ट में घर के कामों में हाथ बंटाने के लिए पुरुषों का योगदान बढ़ाने की बात कही गई है ताकि वर्क लाइफ बैलेंस बेहतर हो पाए। वहीं रिपोर्ट में अपराध के बढ़ते आंकड़ों पर भी चिंता जताई गई है।
2011 से 2020 तक के आंकड़ों से पता चलता है कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हुई है। खासकर राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में दहेज हत्या और बलात्कार के मामलों की संख्या सबसे ज्यादा रही है, जिससे महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठते हैं।
राजस्थान की महिलाएं नौकरी से जुड़े कामों में आगे इंडेक्स में इस पर फोकस किया गया है कि महिलाएं किस काम में अपने दिन का अधिकतर समय बिताती हैं? महिलाएं 2.33 घंटे रोजमर्रा के कामों और परिवार की देखभाल करने में बिताती हैं। हिमाचल, राजस्थान, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश की महिलाओं की संख्या अधिक है।
भारतीय महिलाएं औसतन दिन में 5.96 घंटे रोजगार से जुड़े कामों में खर्च करती हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार की लड़कियां आगे हैं। वहीं दिन में 2 घंटे वे सामाजिक और धार्मिक कार्यों में बिताती हैं।
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