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दुनियाभर में कई ऐसी दुर्लभ बीमारियां हैं, जिनके बारे में जानकर हैरानी होती है. इनमें से कुछ बीमारियां देखने में बेहद साधारण लगती हैं, लेकिन असल में वो बहुत ही ज्यादा भयानक होती हैं. ऐसी ही एक बीमारी सीरिया के रहने वाले शख्स को हुई. बताया जाता है कि पिछले कुछ सालों से इस शख्स की नाक बार-बार बहती रहती थी. ये रूमाल से उसे साफ कर लेता, यह सोचकर कि शायद किसी एलर्जी के कारण ऐसा होता होगा. लेकिन इस दौरान वो शख्स बार-बार बेहोश होने लगा और बेतहाशा सिर दर्द भी होने लगा, ऐसे में उसने हॉस्पिटल में जाकर डॉक्टर को दिखाया. वहां डॉक्टरों तमाम जांच किए और जो खुलासा किया उसे सुनकर शख्स के पैरों तले से जमीन खिसक गई और उसका कलेजा कांप उठा. ये शख्स जिसे साधारण सर्दी समझ रहा था, वो असल में उसके दिमाग का हिस्सा था जो लीक होकर नाक से बाहर आ रहा था.
दुर्लभ बीमारी होने की वजह से इस 20 वर्षीय शख्स की पहचान उजागर नहीं की गई है. लेकिन हॉस्पिटल में डॉक्टरों ने उससे पूछताछ की और जांच के बाद निष्कर्ष निकाला कि 6 साल पहले एक कार एक्सीडेंट में उस शख्स के सिर बहुत ज्यादा चोट आई थी. लेकिन उसने इलाज कराने से मना कर दिया था. इस दुर्घटना के कुछ समय बाद से ही उसकी नाक बहने लगी और सिर दर्द तथा बेहोशी की शिकायतें बढ़ गई. कई सालों तक वो इलाज से खुद को दूर रखा, लेकिन जब दर्द बढ़ता गया तो उसने हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाया. ऐसे में मेडिकल एक्सपर्ट ने खुलासा किया है कि वास्तव में उसका मस्तिष्क उसकी नाक से बाहर निकल रहा था. जर्नल ऑफ मेडिकल केस रिपोर्ट्स के अनुसार, यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की रक्षा करने वाले एक स्पष्ट तरल पदार्थ का “रिसाव” था जिसे सेरेब्रोस्पाइनल द्रव (सीएसएफ) कहा जाता है. वहीं, मस्तिष्क से तरल पदार्थ उनकी खोपड़ी के छिद्रों से बाहर निकल रहा था, जिसे ट्रॉमेटिक एन्सेफेलोसील कहा जाता है.
शख्स की खोपड़ी की तस्वीर. इस शख्स का दिमाग धीरे-धीरे नाक से बाहर निकल रहा था. (Photo- Kenana Tawashi et al)
चिकित्सकों के मुताबिक, यह आमतौर पर एक जन्मजात दोष है, जिसमें 10,400 लोगों में से किसी एक को प्रभावित करता है. इसका मतलब है कि मस्तिष्क की रक्षा करने वाली ऊतक की एक परत बाहर निकल जाती है. कुछ मामलों में, मस्तिष्क के कुछ हिस्से भी बाहर निकल जाते हैं. लेकिन सीरिया वाले शख्स को यह दुर्लभ बीमारी कार एक्सीडेंट में लगी गंभीर चोट की वजह से हुई थी. एक्सपर्ट्स का दावा है कि मेरिका में प्रति वर्ष लगभग 40,000 जन्म लेने वाले बच्चे इस दुर्लभ बीमारी से पीड़ित होते हैं. बताया जाता है कि 20 साल का यह युवक एक महीने तक ICU में भर्ती रहा और उसके मस्तिष्क की एमआरआई की गई. जांच में पता चला कि उसकी खोपड़ी में फ्रैक्चर है और मस्तिष्क संबंधी विकार विकसित हो गया है. इस दौरान डॉक्टरों ने उससे सर्जरी कराने को कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया.
हालांकि, एक महीने बाद फिर से वो हॉस्पिटल में भर्ती हो गया और अपनी सर्जरी करवाने को तैयार था. इसके बाद डॉक्टरों ने उसके दिमाग की सर्जरी की और उम्मीद जताई की वह अब पूरी तरह से ठीक हो गया है. चूंकि यह एक दुर्लभ मामला था, इस वजह से इस युवक की केस स्टडी भी तैयार की गई. केस रिपोर्ट में लिखा है, “युवक की सर्जरी एक स्पेशलिस्ट द्वारा की गई थी, जिन्होंने हर्नियेटेड मस्तिष्क के ऊतकों को उनके सामान्य स्थान पर वापस लाया. मेनिन्जेस की मरम्मत की और खोपड़ी के आधार को हड्डी के सीमेंट और बायो-ग्लू के साथ पुनर्निर्माण यानी कि दोबारा डेवलप किया. सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी बिना किसी परेशानी के हुई.” बता दें कि अगर ये युवक सही समय पर हॉस्पिटल में डॉक्टरों को नहीं दिखाता तो इस दुर्लभ बीमारी की वजह से उसकी मौत भी हो सकती थी.
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FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 08:59 IST
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