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नई दिल्ली में इस बार मानसून का सकारात्मक असर देखने को मिला है, जिससे दिल्लीवासियों को पिछले तीन महीनों से साफ हवा में सांस लेने का मौका मिला है। हालांकि, मानसून के समाप्त होने पर प्रदूषण स्तर बढ़ने की…
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। इस बार अच्छे मानसून का सबसे ज्यादा असर साफ हवा पर देखने को मिला। इसके चलते दिल्लीवासी पिछले तीन महीनों से साफ हवा में सांस ले रहे हैं। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बताते हैं कि जून की 19 तारीख को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 306 अंक पर यानी बेहद खराब श्रेणी में था। इसके बाद एक दिन भी ऐसा नहीं रहा जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से ऊपर गया हो। इस बीच में 32 दिन ऐसे रहे हैं, जब सूचकांक 100 से ऊपर और 201 से नीचे यानी मध्यम श्रेणी में रहा। बाकी दिन सूचकांक संतोषजनक श्रेणी में रहा है। इस दौरान अगस्त का महीना सबसे ज्यादा साफ-सुथरा रहा। सीपीसीबी के मुताबिक, अगस्त में सिर्फ दो दिन ऐसे रहे हैं, जब एक्यूआई 100 से ऊपर मध्यम श्रेणी में रहा हो। बाकी 29 दिन ऐसे रहे जब वायु गुणवत्ता संतोषजक श्रेणी में रही।
अब प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना
मानसून का सीजन अपनी समाप्ति पर है और अगले कुछ दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना कम है। इसके चलते प्रदूषण के स्तर में इजाफा होने की संभावना है। हालांकि, इस आशंका देखते हुए इस बार सितंबर के महीने में ही ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू कर दिया गया है। ग्रैप के जरिए शीतकालीन प्रदूषण की रोकथाम के लिए अलग-अलग बाध्यकारी कदम उठाए जाते हैं।
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