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हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिसार सीट पर जाने माने बिजनेसमैन और पूर्व राज्यसभा सासंद सुभाष चंद्रा ने हिसार में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरी देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल का समर्थन किया है।
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सुभाष चंद्रा ने इसको लेकर X अकाउंट पर पोस्ट की और लिखा कि ” जैसा मैंने सबसे वायदा किया था। हिसार विधानसभा में जनता और हिसार के लिए सावित्री जिंदल जी उपयुक्त और सही उम्मीदवार हैं। हालांकि मैं वस्तुतः BJP समर्थक परिवार से हूं, फिर भी एक निर्दलीय के लिए मतदान की अपील कर रहा हूं। BJP का समर्थन करना मेरा निजी विचार है परंतु हिसार के लोग और यह शहर मेरा है, इसलिए इसके प्रति भी मेरा एक धर्म है। इसलिए हिसार के वोटरों से मेरी प्रार्थना है कि सावित्री जी को वोट दें”।
सुभाष चंद्रा ने पिछले 2 चुनाव में भाजपा के मंत्री और शहर से विधायक रहे डॉ. कमल गुप्ता का समर्थन किया था। डॉ. कमल गुप्ता लगातार 2 बार विधायक बने और अब तीसरी बाद BJP की टिकट पर मैदान में हैं।
सुभाष चंद्रा की ओर से X पर की गई पोस्ट…
भाजपा प्रत्याशी कमल गुप्ता को दी नसीहत
सुभाष चंद्रा ने X पर पोस्ट के जरिए डॉ. कमल गुप्ता को भी नसीहत दी और लिखा कि “जब कभी तूफान आता है तो जो पेड़ झुकना नहीं जानते वो टूट कर गिरते हैं। घास की तरह जो व्यक्ति जमीन से जुड़ा रहता है वह उस भयावह तूफान को आसानी से सहन कर फिर हरा भरा हो कर पर्यावरण की यानी समाज की सेवा करने के लिए सक्षम होता है”।
जिंदल और चंद्रा परिवार कभी एक दूसरे के खिलाफ थे
बता दें कि 6 साल पहले तक जिंदल और चंद्रा परिवार एक दूसरे के खिलाफ थे। खिलाफत इतनी थी कि चंद्रा ने सावित्री जिंदल को 2014 में हिसार विधानसभा से हराने के लिए भाजपा के कमल गुप्ता को समर्थन दिया और चुनाव में पूरी मदद की थी।
2012 में कांग्रेस के पूर्व सांसद एवं जेएसपीएल के चेयरमैन नवीन जिंदल ने दिल्ली पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सुभाष चंद्रा के ग्रुप के चैनल के वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा कोयला घोटाले मामले में उनसे 100 करोड़ रुपए मांगे गए। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर 2 पत्रकारों को जेल भी भेजा था। ग्रुप के मालिक चंद्रा को भी इस मामले में घसीटा था। इसके बाद दोनों ने ही एक दूसरे पर कोर्ट केस कर रखे थे, जो अब दोनों ने 2018 में वापस ले लिए हैं।
हिसार भाजपा प्रत्याशी अकेले पड़े
हरियाणा की हिसार विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे डॉ. कमल गुप्ता चुनावी जंग में अकेले पड़ गए हैं। पहले जिंदल परिवार और अब पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने भी भाजपा के मंत्री का साथ छोड़ दिया है। पूर्व राज्यसभा सांसद ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी थी।
सुभाष चंद्रा ने लिखा था कि मंत्री बनने के बाद कमल गुप्ता को 5 साल बाद मेरी याद आई। कम से कम वह मुझे तीज-त्योहार पर बधाई तो दे सकते हैं। हिसार की जनता भी भाजपा के मंत्री से नाराज है, इसलिए इस बार मैं मदद नहीं कर पाऊंगा।
हिसार में सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया था ऐलान।
सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया था ऐलान
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 67 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की थी। सूची जारी होते ही पार्टी में बगावत शुरू हो गई। कई पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भाजपा से टिकट न मिलने पर सावित्री जिंदल ने हिसार से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया।
सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं। चुनाव न लड़ने की बात कहकर दिल्ली से लौटी थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर चुनाव लड़ूंगी। सावित्री प्रसिद्ध उद्योगपति और कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां हैं।
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