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नोट–नीचे एक खबर और कोट जोड़ा गया है। ————————— – मां ने पत्र
नोट–नीचे एक खबर और कोट जोड़ा गया है। —————————
– मां ने पत्र लिखकर कंपनी की कार्यशैली उठाए हैं सवाल
– श्रम मंत्रालय बोला- न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध
नई दिल्ली, एजेंसी।
पुणे में अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) इंडिया की 26 वर्षीय महिला कर्मी एना सेबेस्टियन पेरायिल की मौत के मामले में केंद्र सरकार ने जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि एना की मौत काम के अत्यधिक दबाव के कारण हृदयाघात से हुई।
केरल की रहने वाली एना ने 2023 में अपनी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) परीक्षा पास की थी। जुलाई में अपनी मौत से पहले चार महीने तक उन्होंने ईवाई के पुणे कार्यालय में काम किया। उनकी मां ने इसी महीने की शुरुआत में बहुराष्ट्रीय परामर्श फर्म ईवाई इंडिया के चेयरमैन राजीव मेमानी को पत्र लिखकर कंपनी में अत्यधिक काम के ‘महिमामंडन पर चिंता जताई थी। पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने गुरुवार को एक्स पर लिखा कि कंपनी में असुरक्षित और शोषणकारी कार्य वातावरण के आरोपों की गहन जांच चल रही है। हम पीड़ित परिवार को न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
रात 12:30 तक करना पड़ता था काम
एना के पिता सिबी जोसेफ ने गुरुवार को मीडिया के सामने कहा कि उनकी बेटी को रात 12:30 तक काम करना पड़ता था। नौकरी छोड़ने की सलाह पर एना ने कहा कि यह काम उसे मूल्यवान पेशेवर अनुभव प्रदान करेगा। बताया कि एना ने सहायक प्रबंधक से शिकायत की थी, लेकिन उन्होंने रात में भी काम करने पर जोर दिया। जोसेफ ने कहा कि हम कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने जा रहे हैं, लेकिन हम नहीं चाहते कि कॉर्पोरेट कंपनियों में शामिल होने वाले नए लोगों को ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़े।
स्वस्थ कार्यस्थल का वादा किया
ईवाई ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि एना के असामयिक निधन से हम दुखी हैं। कंपनी उनके परिवार के संपर्क में है और मदद कर रही है। कंपनी देशभर में अपने कार्यालयों में सुधार जारी रखेगी और स्वस्थ कार्यस्थल उपलब्ध कराएगी।
मामले की जांच की जा रही है, उसी के आधार पर कदम उठाए जाएंगे। चाहे वह सफेदपोश नौकरी हो या कोई अन्य नौकरी, किसी भी स्तर पर कार्यकर्ता या कर्मचारी या देश का कोई नागरिक मरता है, तो जाहिर तौर पर हमें इसका दुख होता है।
– मनसुख मांडविया, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री
वास्तविक बदलाव की जरूरत, संवेदना की नहीं : गोयनका
इस प्रकरण को लेकर आरपीजी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष हर्ष गोयनका ने गुरुवार को कहा कि वास्तविक बदलाव की जरूरत है, संवेदना की नहीं। भारतीय उद्योग जगत को स्वस्थ कार्यस्थल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य-जीवन की स्पष्ट सीमाएं निर्धारित करने और विषाक्त कार्य वातावरण के लिए नेताओं को जिम्मेदार ठहराने सहित कई कदम उठाने चाहिए।
गोयनका ने एक्स पर पोस्ट में भारतीय उद्योग जगत को स्वस्थ कार्यस्थल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए तत्काल उठाए जाने वाले छह कदमों की सूची भी दी। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों, प्रबंधनीय कार्यभार और कल्याणकारी पहलों के कार्यान्वयन का आह्वान किया। कर्मचारियों को नई भूमिकाओं और वातावरण में समायोजित करने में मदद के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने और नए कर्मियों को समर्थन देने की सिफारिश की। कॉरपोरेट्स से बर्नआउट से निपटने का आग्रह करते हुए गोयनका ने अत्यधिक काम का महिमामंडन बंद करने, लंबे समय तक काम करने की बजाय कार्यकुशलता को पुरस्कृत करने का आह्वान किया। खुले संचार को बढ़ावा देने की सिफारिश करते हुए कहा कि प्रतिशोध के डर के बिना कर्मचारियों की चिंताओं पर ध्यान दें। जवाबदेह नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया। कहा कि कर्मचारियों के काम और व्यक्तिगत समय के बीच स्पष्ट सीमाएं निर्धारित करें।
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