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झारखंड में परिवर्तन संकल्प यात्रा के कार्यक्रम में फेर बदल किया गया है। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय चौरसिया ने बुधपर को धनबाद परिसदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी।
झारखंड में परिवर्तन संकल्प यात्रा के कार्यक्रम में फेर बदल किया गया है। गिरिडीह जिले के झारखंडधाम से 22 सितंबर को शुरू होने वाली परिवर्तन यात्रा अब 20 सितंबर से होगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह झारखंडधाम में जनसभा कर परिवर्तन यात्रा की शुरुआत करेंगे। वहीं 28 की जगह यात्रा का समापन 26 सितंबर को धनबाद में होगा। यह जानकारी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विजय चौरसिया ने बुधपर को धनबाद परिसदन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी।
बताया कि 20 से 26 सितंबर तक भाजपा सूबे के अपने अन्य सांगठनिक प्रमंडलों की तरह धनबाद प्रमंडल में भी परिवर्तन यात्रा निकालेगी। जिसकी शुरुआत गिरिडीह के जमुआ विधानसभा के पवित्र स्थल झारखंडधाम से केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह व प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी करेंगे। यात्रा के प्रमंडल संयोजक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रवींद्र राय हैं।
धनबाद प्रमंडल में 14 विधानसभा और 30 प्रखंडों से गुजरते हुए परिवर्तन यात्रा तकरीबन 700 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। इस यात्रा में 18 रोड शो भी होंगे। 26 सितंबर को यह यात्रा धनबाद में समाप्त होगी। यात्रा के दौरान 11 सार्वजनिक रैली होगी। जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय बाल विकास मंत्री डॉ. अन्नपूर्णा देवी, सुभेंदु अधिकारी नेता प्रतिपक्ष पश्चिम बंगाल, अमर बाउरी नेता प्रतिपक्ष झारखंड विधानसभा, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, सांसद विद्युत वरण महतो, ढुलू महतो, उत्तरप्रदेश जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जमुई विधायक श्रेयसी सिंह, राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश, पूर्व सांसद यदुनाथ पांडेय, पूर्व विधायक सीता सोरेन शामिल होंगे।
मांझी परगना रैली भाजपा की बड़ी चुनावी रणनीति
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा संताल परगना में सिर्फ चार सीटों पर सिमट गई थी। 2024 में पार्टी संताल परगना के लिए मुकम्मल रणनीति के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। परिवर्तन संकल्प यात्रा के ठीक पहले मांझी परगना रैली का आयोजन भाजपा की बड़ी रणनीति का हिस्सा है। मांझी परगना में जिन तीन नेताओं की भागीदारी रही उनमें चंपाई सोरेन, सीता सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम थे। तीनों झामुमो के बड़े चेहरे थे, अब भाजपा में हैं। उक्त रैली में तीनों ने झामुमो के सबसे बड़े मुद्दे जल जंगल और जमीन को घुसपैठ से जोड़ हेमंत सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की।
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