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झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को उस याचिका पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया जिसमें सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ एसीबी में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई है। जानें क्या है मामला…
झारखंड हाईकोर्ट ने बुधवार को खान मंत्री रहते कथित तौर पर अपने करीबियों को औद्योगिक क्षेत्र में जमीन उपलब्ध कराने के मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके परिवार के खिलाफ प्राथमिकी शुरू करने की मांग वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने झारखंड सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए चार हफ्ते की मोहलत दी है।
अदालत ने सरकार से यह बताने को कहा है कि प्रार्थी सुनील महतो के प्राथमिकी दर्ज करने के आवेदन पर क्या कार्रवाई की गई है। प्रार्थी ने एसीबी में हेमंत सोरेन पर नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत में दाखिल किए गए आपराधिक रिट आवेदन में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी को सीएम, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और साली के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि हेमंत सोरेन ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री के पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम पर खदान और अपनी पत्नी कल्पना और साली सरला के नाम पर औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड आवंटित किए।
याचिका में कहा गया था कि झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण की ओर से रांची के बाहरी इलाके चान्हो में 11 एकड़ भूमि कल्पना सोरेन और सरला मुर्मू के पक्ष में आवंटित की गई थी। वहीं मुख्यमंत्री के पक्ष में पत्थर की खदान आवंटित की गई थी।
सुनील महतो ने याचिका दाखिल कर आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के लीज आवंटन एवं उनकी पत्नी कल्पना व साली सरला को जियाडा के इंडस्ट्रियल एरिया में चान्हो में 11 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई। इसे लेकर उन्होंने हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी एवं उनकी साली के खिलाफ एसीबी में ऑनलाइन और ऑफलाइन शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। अदालत ने इसी पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
(पीटीआई और हिन्दुस्तान संवाददाता के इनपुट पर आधारित)
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