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बिजुआ ब्लॉक के करसौल गांव में बाढ़ के पानी से घिरे घर
– फोटो : अमर उजाला
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लखीमपुर खीरी जिले में बाघ की दहशत और बाढ़ के कहर से जिंदगी मुश्किलों में है। आधे जिले में बाढ़ का कहर है। करीब 250 गांवों के ग्रामीण छतों, सड़क और अन्य ऊंचे स्थानों पर पनाह लिए हुए हैं। खाने और पीने के पानी की किल्लत है। मोहम्मदी-महेशपुर रेंज के 40 से अधिक गांवों में बाघ की दहशत है। खेती-किसानी प्रभावित है। बच्चों का स्कूल जाना बंद है।
बाघ और बाढ़ करीब दो महीने से लोगों के लिए मुसीबत बने हैं। पलिया, धौरहरा, निघासन और गोला तहसील में बाढ़ का कहर है। मोहम्मदी-महेशपुर रेंज में बाघ ने ग्रामीणों की नींद उड़ा रखी है। तेंदुए की चहलकदमी ने भी दहशत का माहौल बना रखा है। जिले के एक हिस्से में बाढ़ ने ग्रामीणों को बेघर कर दिया है। एक हिस्से में बाघ की दहशत ने लोगों को घरों में कैद कर रखा है।
बाढ़ के पानी में डूबकर और बाघ के हमले में जा चुकी हैं कई जानें
बाढ़ के पानी में डूबकर कई लोग जान गवां चुके हैं। रविवार को भी एक किशोरी और बुजुर्ग की डूबने से मौत हो गई। उधर, मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ी हैं। मोहम्मदी-महेशपुर रेंज के गांव इमलिया निवासी अमरेश कुमार और मूड़ा अस्सी निवासी जाकिर की भी बाघ के हमले में जान चली गई थी। 15 दिन के अंदर दो लोगों की जान लेने वाला बाघ अब तक वन विभाग की पकड़ से दूर है।
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