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Ayatollah Ali Khamenei: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भारत के मुसलमानों की तुलना फिलिस्तीन और म्यांमार से की है, जिसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने करारा जवाब दिया है. विदेश मंत्रालय ने इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि भारत के खिलाफ बोलने वाले देशों को पहले अपनी गिरेबान झांकनी चाहिए. भारत का इशारा ईरान के सुन्नी मुसलमानों की तरफ था, जिनके साथ ईरान सालों से अत्याचार कर रहा है. वहीं अब जानकारों ने खामेनेई की इस टिप्पणी की वजह बताई है.
विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिम एशिया में भारत का रुख इजरायल की तरफ है, इसके साथ ही ईरान के साथ तेल आयात में भारत देरी कर रहा है. इसी वजह से ईरानी नेता भारत पर भड़के हुए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान के नेता इस तरह की टिप्पणी करके अपनी तरफ ध्यान आकर्षित कराना चाह रहे हैं.
तेल नहीं खरीदने से नाराज हो गए खामेनेई
अली खामेनेई ने चीन में उइगर मुसलमानों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की, न ही गाजा को लेकर भारत के हालिया बयानों को ध्यान दिया. दूसरी तरफ अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत ईरान से कच्चा तेल नहीं खरीद रहा है. पश्चिम एशिया में हुए तनाव के बाद इस साल ईरान से तेल आयात की योजना को रद्द कर दिया गया था. जानकारों का मानना है कि हाल के कुछ वर्षों में भारत और ईरान के रिश्ते मजबूत हुए हैं, लेकिन तेल आयात में देरी करने और गाजा युद्ध में इजरायल का समर्थन करने से खामेनेई नाराज हैं.
भारत-ईरान के बीच द्विपक्षीय व्यापार में आई कमी
विदेश मंत्रालय के एक नोट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2022-2023 में भारत-ईरान के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2.33 बिलियन डॉलर का था, जिसमें सालाना आधार पर 21.76 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी. वहीं अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 के बीच दोनों देशों के बीच 660.70 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ. पिछले साल के मुताबिक इस अवधि के दौरान तुलना करने पर 23.32 प्रतिशत कम व्यापार हुआ है.
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