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चंडीगढ़ नगर निगम जल्द ही औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 में एक नए अत्याधुनिक बूचड़खाने का निर्माण कार्य शुरू करने जा रहा है। नगर निगम ने योजना और डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया है, जिसे यूटी शहरी नियोजन विभाग से मंजूरी मिल चुकी है।
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इस परियोजना की लागत लगभग 12 करोड़ आंकी गई है और यह मौजूदा बूचड़खाने की जगह लेगा, जो करीब 20 साल पुराना है। नए बूचड़खाने का निर्माण 3 एकड़ भूमि पर होगा और इसका उद्देश्य पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप स्वच्छ और सुरक्षित मांस उपलब्ध कराना है।
नया बूचड़खाना: स्वच्छता और पर्यावरण के अनुकूल
नया बूचड़खाना अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता और पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा। यहां मैनुअल वध की जगह आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल होगा, जिससे खराब स्वच्छता और अनियंत्रित कचरे के निपटान की समस्या से छुटकारा मिलेगा। इसके साथ ही, बूचड़खाने में एक समर्पित अपशिष्ट उपचार संयंत्र और बायो-मेथेनेशन संयंत्र भी होगा।
पूरी तरह से वातानुकूलित और सुरक्षित सुविधा
अधिकारी ने बताया कि नया बूचड़खाना वातानुकूलित होगा और इसमें स्वागत क्षेत्र, आराम करने की जगह, लारेज, फांसी के लिए अलग कमरे, जानवरों की सफाई के स्थान आदि होंगे। इसके साथ ही, मेडिकल जांच कक्ष, रेफ्रिजरेशन रूम, डॉक्टर रूम, प्रयोगशालाएं, कार्यालय क्षेत्र, कैंटीन और प्राथमिक चिकित्सा कक्ष जैसी सहायक सुविधाएं भी होंगी।
विभिन्न प्रकार के जानवरों के लिए वध के अलग-अलग स्थान होंगे, जिसमें धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वध की आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाएगा। इस योजना में पर्यावरण और प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों के साथ तालमेल सुनिश्चित किया गया है।
नगर निगम ने की शिमला के मॉडल का अध्ययन
शिमला में एक आधुनिक बूचड़खाने का दौरा करने के बाद, नगर निगम ने चंडीगढ़ के लिए उसी तर्ज पर एक बहुस्तरीय संरचना का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्तावित बूचड़खाना दो मंजिला होगा, जिसमें भूतल और पहली मंजिल पर सुविधाओं का संचालन किया जाएगा।
नगर निगम ने इस परियोजना की विस्तृत योजना तैयार कर ली है और मिट्टी की वहन क्षमता के परीक्षण और साइट के डिजिटल सर्वेक्षण की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। अगले कुछ महीनों में यह परियोजना शहर के मांस वितरण तंत्र में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
ICCC और PCCC को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से किया जाएगा अपग्रेड
इस बीच, यूटी सलाहकार राजीव वर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (ICCC) और पुलिस कमांड कंट्रोल सेंटर (PCCC) की क्षमताओं को उन्नत करने के निर्देश दिए हैं।
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