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साइक्लोनिक सर्कुलेशन के प्रभाव से धनबाद में लगातार तीसरे दिन भी जमकर बरसात हुई। सोमवार को रिकॉर्ड 180 एमएम बारिश दर्ज हुई। इससे पूर्व शनिवार को 20 व रविवार को 47 एमएम वर्षा हुई थी। 29 साल बाद धनबाद में तीन दिनों में 247 एमएम बारिश हुई। इससे पूर्व 199
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निचली इलाके में बसी कई कॉलोनियां डूब गईं। घरों-दुकानों में पानी भर गए। कई मकान ढह गए। इससे सात लोग जख्मी हुए। कई जगह पेड़ टूटने से आवागमन बाधित हुआ। कई कोलियरियों में कोयले का उत्पादन शून्य हो गया। डिस्पैच भी बुरी तरह प्रभावित है। बारिश की सबसे तगड़ी मार िबजली सेवा पर पड़ी। शहरी क्षेत्र में 17 व ग्रामीण क्षेत्रों में 19 घंटे तक बिजली गुल रही। बारिश के कारण कई निजी स्कूल सोमवार को बंद रहे, वहीं मौसम विभाग की चेतावनी पर मंगलवार को भी स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया। बारिश से तापमान भी लुढ़का। 24 घंटे में पारा 3.3 डिग्री गिरा। रविवार को अधिकतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस था, जो सोमवार को 23.2 डिग्री पर पहुंच गया। न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पूरे दिन कभी मंद तो कभी तेज गति से चल रही हवाओं में ठंड भी महसूस हुई।
कोयले का उत्पादन 98 हजार टन गिरा
बारिश में बीसीसीएल का उत्पादन और डिस्पैच बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। प्रतिदिन के टारगेट 1.28 लाख टन की जगह मात्र 30 हजार टन ही उत्पादन हो पाया है। कतरास, लोदना जैसे कई अन्य एरिया में उत्पादन शून्य रहा। अधिकतर ओपेनकास्ट खदान में पानी भर गया है, जिससे उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कोयले के डिस्पैच भी आधा हो गया है।
बारिश की चेतावनी पर आज भी स्कूल बंद
सभी डिनोबिली व कार्मेल स्कूल, धनबाद पब्लिक स्कूल मेन ब्रांच व धनबाद पब्लिक स्कूल हीरक ब्रांच ने बारिश की चेतावनी के कारण मंगलवार को भी स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया है। धनबाद पब्लिक स्कूल सहित कुछ स्कूलों में परीक्षाएं घोषित थीं, जिसकी तिथि में बदलाव किया जाएगा। वहीं, अन्य स्कूलों में विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी की घोषणा है।
जानिए…लगातार बारिश ने धनबाद के जनजीवन में क्या डाला असर
बिजली : शहरी इलाकों में 17 घंटे तो ग्रामीण इलाकों में 19 घंटे से अधिक बिजली ठप रही। टुंडी के 150 गांवों में तीन दिन तो कसियाटांड़ में दो दिन से बिजली नहीं है। पूर्वी टुंडी में तीन दिन बाद सोमवार की रात 8 बजे बिजली लौटी। सोमवार की दोपहर 1 बजे जीटी रोड कांड्रा के समीप धैया लाइन का 33केवी केबल में फॉल्ट आ गया। इसके कारण इन छह सब स्टेशन क्षेत्र में रात 10 बजे तक बिजली पूरी तरह ठप रही।
आज सुबह 8 बजे से धीमी होती जाएगी बारिश
मौसम विशेषज्ञ डॉ एसपी यादव ने बताया कि साइक्लोनिक सर्कुलेशन अमूमन घूमता हुआ आगे बढ़ता है, लेकिन यह झारखंड में ही घूमता रहा। इसके आगे बढ़ने की गति बहुत धीमी है। इसलिए लगातार बारिश हो रही है। मंगलवार को सुबह 8 बजे से बारिश कम होने लगेगी। दिन के 12-1 बजे के बाद बारिश लगभग थम जाएगी। मंगलवार को यह छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की ओर चली जाएगी। धनबाद और आसपास में छिटपुट बारिश ही संभव है। बुधवार से धूप-छांव का देखने को मिल सकता है।
आज दोपहर तक थम जाएगी बारिश, पर नहीं होगी जलापूर्ति
8 लेन सड़क लबालब
मैथन डैम का छोड़ा जा रहा पानी
दामोदर नदी खतरे के निशान से ऊपर, मैथन व तोपचांची भी करीब
मकान ध्वस्त : बलियापुर, टुंडी, केंदुआ, भागाबांध, लोदना, तिसरा, झरिया 4 नंबर सहित अन्य इलाकों में 21 से अधिक घर।
जख्मी : केंदुआ में पांच और टुंडी में दो।
मकानों में घुसा पानी : बाबूडीह इमली कॉलोनी, तपोवन कॉलोनी, हंस विहार कॉलोनी, गोसाईंडीह, भूली, कतरास, झरिया, विशुनपुर के करीब 4 सौ घरों में।
दुकानों में भरा पानी : गोल बिल्डिंग, भूली, चिरकुंडा शक्ति चौक, भूली शक्ति मार्केट, नावाडीह 8 लेन सहित अन्य क्षेत्रों की 70 दुकानें।
जलापूर्ति : बिजली संकट का असर जलापूर्ति पर भी पड़ा है। सोमवार को 12 जलमीनारों से पानी नहीं चला। मंगलवार को पूरे शहर में जलापूर्ति ठप रहेगी।
कॉलोनियां जलमग्न : तपोवन कॉलोनी, वनस्थली कॉलोनी, बाबूडीह, बाबूडीह इमली कॉलोनी, कृष्णा नगर, हंस विहार कॉलोनी, गोसाईडीह, नावाडीह, शक्ति मार्केट के पीछे सहित अन्य 12 कॉलोनियां।
मैथन डैम : 489.30 फीट, खतरे के निशान से 6.30 फीट नीचे। एक गेट खोला गया।
पंचेत डैम : 417 फीट, खतरे के निशान से 3 फीट नीचे।
तोपचांची झील : 70 फीट, खतरे के निशान से 2 फीट कम।
दामोदर नदी : 468 आरएल, खतरे के निशान से 14 आरएल अधिक। पढ़ें पेज 2 भी
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