[ad_1]
पेपर लीक में दो सदस्यों की भूमिका सामने आने के बाद भजनलाल सरकार राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के पुनर्गठन की तैयारी में है। फिलहाल हरियाणा लोक सेवा आयोग की तरह RPSC में सदस्यों की संख्या बढ़ाई जाएगी। सरकार ने पिछले महीने विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवन
.
देवनानी ने इसकी विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। जल्द ही इसे विधि विभाग को भेजा जाएगा। विभाग राजस्थान लोक सेवा आयोग नियम एवं विनियम 1963 और राजस्थान लोक सेवा आयोग विनियम एवं प्रक्रिया का सत्यापन अध्यादेश 1975 व अधिनियम 1976 में संशोधन का खाका तैयार करेगा। विधानसभा के आगामी सत्र में इसे पारित किया जा सकता है।
2008 में हरियाणा की भूपेंद्र हुड्डा सरकार ने हरियाणा लोक सेवा आयोग (सेवा की शर्ते) विनियमन, 1972 में संशोधन कर सदस्यों की संख्या 8 से बढ़ाकर 12 की थी। 2012 में संशोधन कर इस संख्या को घटाकर 6 कर दिया गया। इसके बाद 2015 में मनोहर लाल खट्टर सरकार ने आयोग में सदस्यों की संख्या फिर से बढ़ाकर 8 कर दी थी। इसमें अध्यक्ष का पद भी शामिल है।
RPSC की वेबसाइट पर सदस्यों की संख्या में बाबूलाल कटारा को सस्पेंडेड दिखा रखा है। साथ ही एक सदस्य का पद खाली दिखाया जा रहा है।
रिपोर्ट में क्या… सदस्यों की संख्या दोगुनी संभव, राजनीतिक नहीं, योग्यता पर होगी नियुक्ति विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सीएम को सौंपी में रिपोर्ट में RPSC में सदस्यों की संख्या दोगुनी करने की सिफारिश की है। आयोग में अभी अध्यक्ष के अलावा सदस्यों के 7 पद हैं। यानी इनकी संख्या 14 तक हो सकती है। सरकार नियुक्ति का तरीका भी बदलेगी। इसके लिए संघ लोक सेवा आयोग की प्रक्रिया का भी अध्ययन किया जा रहा है। सरकार राजनीतिक गुणा-भाग के बजाय योग्यता के आधार पर चयन चाहती है।
गोपनीय कार्यों से दूर रहेंगे पिछली सरकार में बने सदस्य आयोग में सदस्यों की संख्या बढ़ाने के पीछे सरकार की रणनीति पिछली सरकार के समय नियुक्त हुए सदस्यों को गोपनीय कार्यों से दूर रखने की है। सदस्य बढ़ने के बाद भर्ती परीक्षाओं का जिम्मा इन्हें ही सौंपा जाएगा। पुराने सदस्य प्रशासनिक कार्य ही देखेंगे। बता दें कि आयोग में अध्यक्ष के अलावा सदस्यों के 7 पद हैं। इनमें से एक पद खाली है, जबकि बाबूलाल कटारा निलंबित हैं।
वर्तमान 5 सदस्यों का कार्यकाल 2026 से 2029 तक अभी RPSC में कार्यरत सभी 5 सदस्यों की नियुक्ति गहलोत सरकार के समय हुई थी। इनमें कैलाश चंद मीणा, संगीता आर्य और मंजू शर्मा का कार्यकाल 2026 तक है, जबकि केसरी सिंह राठौड़ व अयूब खान 2029 तक पद पर रहेंगे। इनमें से कैलाश चंद मीणा जो कि सदस्य हैं, इनको राज्य सरकार ने हाल ही में कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया है।
तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आयोग को भंग करने की मांग की थी RPSC के सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी के बाद तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आयोग को भंग करने की मांग की थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे सीपी जोशी ने चुनाव से पहले वादा किया कि सरकार बनने के बाद RPSC को भंग किया जाएगा। हालांकि सरकार बनने के बाद संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल कई बार दोहरा चुके हैं कि संवैधानिक अड़चनों के चलते RPSC को भंग करना संभव नहीं है। पिछले दिनों कांग्रेस के सचिन पायलट ने RPSC की विश्वसनीयता को पुनर्स्थापित करने के लिए पुनर्गठन करने की मांग की। डॉ. किरोड़ी लाल मीणा भी आयोग को राजनीतिक दखल से दूर करने की मांग कर चुके हैं।
रिपोर्ट- आनंद ठाकुर / अवधेश आकोदिया
यह खबर भी पढ़े… कटारा बोला-रामूराम राईका पुराना दोस्त, फ्री में दिया एसआई पेपर:बाबूलाल ने बताया- RPSC से उस तक कैसे पहुंचा पेपर, 9 घंटे पूछताछ में कई खुलासे
सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 के पेपरलीक के मामले में एसओजी की जांच में नए खुलासे हुए हैं। निलंबित मेंबर बाबूलाल कटारा ने पूछताछ में बताया कि उसने फ्री में पेपर पूर्व मेंबर रामूराम राईका को दिया था। (पढ़े पूरी खबर)
[ad_2]
Source link