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राजधानी दिल्ली के तिगड़ी इलाके में एक महिला के साथ उसकी सहेली के घर में कथित तौर पर गैंगरेप किए जाने की शर्मनाक वारदात सामने आई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसकी सहेली ने वारदात वाले दिन उसे फोन कर अपने घर बुलाया था।
राजधानी दिल्ली के तिगड़ी इलाके में एक महिला के साथ उसकी सहेली के घर में कथित तौर पर गैंगरेप किए जाने की शर्मनाक वारदात सामने आई है। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसकी सहेली ने वारदात वाले दिन उसे फोन कर अपने घर बुलाया था। जब वह सहेली के घर पहुंची तो वहां पर पहले से मौजूद कुछ लोगों ने उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने उसे इस बारे में शिकायत नहीं करने की धमकी भी दी।
पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में बताया है कि वह एक युवक के साथ पिछले तीन माह से रह रही है। उसकी दोस्त ने गर्ल्स पीजी में उसकी नौकरी लगवा दी थी, लेकिन उसके पास अच्छे कपड़े नहीं थे। इसके चलते उसकी दोस्त ने 21 अगस्त की शाम उसे फोन कर अपने घर पर बुलाया। वहां पहले से राजेश, भूरा और नीरज मौजूद थे। तीनों ने उसे पकड़ लिया और बारी-बारी गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डीडीयू अस्पताल के पूर्व कर्मचारी को महिला के यौन उत्पीड़न में 5 साल की सजा
वहीं दूसरी ओर, दिल्ली की एक अदालत ने अक्टूबर 2021 में एक दिव्यांग महिला से बलात्कार के मामले में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के 53 वर्षीय एक पूर्व कर्मचारी को 5 साल कठोर कारावास तथा 5,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आंचल की अदालत ने आरोपी व्यक्ति को आईपीसी की धारा 376 सी के तहत दोषी ठहराया था। अभियोजन पक्ष ने कहा कि महिला अपना दिव्यांगता प्रमाणपत्र लेने के लिए अस्पताल गई थी और आरोपी ने उसका एक्स-रे लेते समय अपनी उंगली पीड़िता के गुप्तांग में डाल दी, जिससे उसे चोटें आईं।
अदालत ने 6 सितंबर को अपने फैसले में कहा, ‘‘यह स्थापित कानून है कि सजा देने के संबंध में कोई निश्चित फार्मूला संभव नहीं है, लेकिन सजा देने का उद्देश्य यह देखना चाहिए कि अपराध करने वाले को सजा मिले और अपराध के पीड़ित के साथ-साथ समाज को भी यह संतुष्टि मिले कि सजा देने में न्याय हुआ है।’’
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