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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
विस्तार
वर्दी पहनकर फर्नीचर कारोबारी से 15 लाख रुपये की ठगी करने वाले फर्जी दरोगा को कल्याणपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह लंबे समय से लोगों पर पुलिस का रौब दिखाकर ठगी कर रहा था। पुलिस ने उसके पास से पुलिस का लोगो लगी कार, वर्दी के अलावा आईएएस को प्रशिक्षण देने वाली लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (लबासना) का आई कार्ड भी बरामद हुआ है।
कल्याणपुर सीटीएस बस्ती निवासी चंद्रेश्वर सिंह आर्डनेंस फैक्ट्री से रिटायर होने के बाद नेत्रहीन हो गए थे। इसके बाद उन्होंने फर्नीचर का कारोबार शुरू किया। चंद्रेश्वर सिंह ने बताया कि उनके दामाद सागर ने कुछ समय पहले एसीपी ऑफिस में तैनात दरोगा होने का दावा करने वाले संजीव कुमार यादव से मिलवाया था। दामाद ने बताया था कि वह गूबा गार्डेन में पत्नी नेहा और बच्चे के साथ रहता है। पत्नी के नाम जमीन की रजिस्ट्री करानी है, लेकिन अभी पैसे नहीं हैं।
गुजारिश की कि वह संजीव को 15 लाख रुपये दे दें। दामाद के भरोसे पर चंद्रेश्वर ने सितंबर 2023 को 10 लाख रुपये आरटीजीएस और पांच लाख रुपये नकद दे दिए। इसके एवज में संजीव ने एक ब्लैंक चेक दे दी। चेक अकाउंट में लगाई गई तो वह वापस लौट आई। कई बार के बाद जब सात अगस्त को चेक बाउंस हुई तो ठगी का पता चला। उन्होंने फर्जी दरोगा, दामाद समेत तीन लोगों के खिलाफ कल्याणपुर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। मामले की जांच कर रहे इंद्रानगर चौकी इंचार्ज अरुण कुमार सिंह ने जब आरोपी को चौकी बुलाया तो उसने खुद को पहले जीआरपी लखनऊ, फिर जीआरपी उन्नाव और फिर काकोरी थाने में तैनात होना बताया। जब उन्होंने उसके द्वारा बताए गए स्थान पर पता किया तो सब फर्जी निकला। शक होने पर चौकी इंचार्ज ने उसे सर्विलांस की मदद से गिरफ्तार कर लिया।
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