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विनोबा भावे विश्वविद्यालय का 33वां स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल राज्यपाल
विनोबा भावे विश्वविद्यालय के 33 वें स्थापना दिवस पर राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि आज का दिन न केवल विश्वविद्यालय के सफर को याद करने का है, बल्कि हमारे सामने भविष्य की चुनौतियों और अवसरों पर विचार करने का भी समय है। हम जिस राज्य में हैं, वह अपार संभ
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विनोबा भावे विश्वविद्यालय के इस स्थापना दिवस के अवसर पर मैं सभी छात्रों, शिक्षकों, और कर्मियों को बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान का स्थापना दिवस सिर्फ उत्सव का समय नहीं होता, यह आत्म-निरीक्षण और आत्म-चिंतन का भी अवसर होता है। हमें यह सोचना चाहिए कि हमने अब तक जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उनमें कहां तक सफल हुए हैं और किन क्षेत्रों में हमें और प्रयास करने की आवश्यकता है। यही दृष्टिकोण हमें आने वाले वर्षों में और भी ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
जिन्होंने भूदान किया, उनके नाम से विश्वविद्यालय राज्यपाल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय महान संत विनोबा भावे जी के नाम से जुड़ा है, जिन्होंने अपने जीवन को समाज सुधार और भू-दान जैसे यज्ञों के लिए समर्पित किया। उनके विचारों और उनके द्वारा किए गए कार्यों ने समाज को एक नई दिशा दी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह विश्वविद्यालय, उन्हीं मूल्यों को आगे बढ़ाते हुए, ज्ञान और मूल्य आधारित शिक्षा को और सक्रियता के साथ बढ़ावा देता रहेगा।
कहा कि आज हमारे देश के लिए भी एक विशेष दिन है, क्योंकि आज हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत न केवल आर्थिक और सामाजिक मोर्चों पर उन्नति कर रहा है, बल्कि ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर भी तेजी से अग्रसर है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से एक नया अध्याय लिखा है। इस नीति के तहत हमारे शिक्षण संस्थानों को अधिक समावेशी, लचीला और बहुआयामी बनाया गया है, ताकि विद्यार्थी अपनी रुचियों और क्षमताओं के अनुसार विकास कर सकें।
स्थापनाकाल से उपलब्धियां हासिल कर रहा विवि प्रमंडलीय आयुक्त सुमन कैथरीन किस्पोट्टा ने कहा कि अपने स्थापना कल से अब तक हमारा विश्वविद्यालय अनेक उपलब्धियां को हासिल करने में कामयाब हुआ है लेकिन अभी भी बहुत सारे काम अधूरे हैं और रास्ता काफी लंबा है जैसे हमें तय करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि कहा 17 सितंबर को हमारे विश्वविद्यालय के इतिहास में एक ऐसा अवसर है जब यह आवश्यक होता है कि हम अपनी उपलब्धियों पर गर्व करें और भविष्य की योजनाओं पर भी गौर करें।
कुलपति के प्रभार में रहते हुए मुझे लगभग सवा साल हो गए हैं और स्थापना दिवस समारोह के आयोजन में शामिल होने का दूसरा अवसर मेरे हिस्से में आया है। जिन महान भुदानी संत आचार्य विनोबा भावे के नाम पर हमारा विश्वविद्यालय स्थापित हुआ है और ज्ञान दान में अहनिर्श योग दे रहा है
राज्य का पहला विवि जिसने नैक के मूल्यांकन पूरा किया बताया गया कि विनोबा भावे विश्वविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से दूसरे चक्र का मूल्यांकन एवं प्रत्यायन प्राप्त करने वाला झारखंड का पहला विश्वविद्यालय बनने में सफल हुआ है तो इसमें हमारे विश्वविद्यालय के सभी लोगों का परिश्रम निहित था।
पी.एम. उषा से लगभग 100 करोड़ की राशि प्राप्त कर मल्टी-डिसीप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त करने की उपलब्धि भी हमारे खाते में दर्ज हुई है, तो इसमें विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों की भूमिका प्रंशसनीय रही है। हम विश्वविद्यालय परिसर के विस्तार की दिशा में भी प्रयत्नशील है और हाल ही में 1.69 एकड़ भूमि जिला प्रशासन से प्राप्त करने में सफल रहे हैं।
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