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रेवाड़ी के आसपास बड़ी संख्या में यूपी-बिहार के प्रवासी मजदूर रहते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेजस्वी और अखिलेश के यहां चिरंजीव के पक्ष में चुनाव प्रचार करने से ना केवल प्रवासी मतदाताओं का रुझान कांग्रेस की तरफ हो सकता है बल्कि इलाके के अहीर वोटर भी चिरंजीव के पक्ष में लामबंद हो सकते हैं।
हरियाणा विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने चर्चा के बावजूद समाजवादी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कांग्रेस के चर्चित उम्मीदवार चिरंजीव राव के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। इतना ही नहीं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव भी चिरंजीव राव के लिए हरियाणा के रेवाड़ी इलाके में वोट मांगेंगे। जिस इलाके में ये दोनों यादव नेता कांग्रेसी उम्मीदवार चिंरजीव राव के लिए वोट मांगने जा रहे हैं, वह अहीरवाल कहलाता है और दक्षिणी हरियाणा के तहत आता है। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत में दोनों यादव नेताओं के चुनाव प्रचार में उतरने से अहीरवाल इलाके में चुनावी जंग रोचक होने वाली है।
कौन हैं चिरंजीव राव?
चिरंजीव राव दक्षिणी हरियाणा के रेवाड़ी विधान सभा सीट से कांग्रेस के निवर्तमान विधायक हैं और फिर से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। चिरंजीव कांग्रेस के अन्य पिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव के पुत्र हैं और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दामाद हैं। इस लिहाज से तेजस्वी के जीजा हैं, जबकि अखिलेश बी उनके रिश्तेदार हैं क्योंकि लालू यादव की एक बेटी की शादी अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव से हुई है।
38 वर्षीय चिंरजीव 2019 से रेवाड़ी से विधायक हैं। उनका मुकाबला भाजपा के अनिल डहीना से है। राव के पिता कैप्टन अजय सिंह यादव इस सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं। वह 2000 से लगातार 2014 तक इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीतते रहे हैं। 2019 से उनके बेटे की हाथ में इस सीट की बागडोर है। सिर्फ 2014 से 2019 के बीच भाजपा के रणधीर सिंह कपाडीवास ने यादव परिवार से ये सीट छीन ली थी।
अहीरवाल का सियासी समीकरण क्या
रेवाड़ी और आसपास के जिले का इलाका अहीरवाल कहलाता है। यह दक्षिणी हरियाणा, उत्तर-पूर्वी राजस्थान और दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के कुछ हिस्सों तक फैला एक क्षेत्र है, जो कभी एक छोटी सी रियासत हुआ करती थी। वह रियासत अहीर समुदाय ये यदुवंशियों द्वारा शासित था। यह हरियाणा का एक पिछड़ा हुआ इलाका है। यहां यादवों की आबादी ज्यादा है। इसी इलाके से निकले राव बीरेंद्र सिंह हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके बेटे राव इंद्रजीत लंबे समय तक इस क्षेत्र में कांग्रेस की राजनीति का केंद्र रहे हैं।
रेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र और आसपास में बड़ी संख्या में यूपी और बिहार के प्रवासी मजदूर रहते हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव के यहां चिरंजीव राव के पक्ष में चुनाव प्रचार करने से ना केवल प्रवासी मतदाताओं का रुझान चिरंजीव की तरफ हो सकता है बल्कि इलाके के अहीर मतदाता भी चिरंजीव के पक्ष में लामबंद हो सकते हैं।
चिरंजीव ने की पुष्टि
चिरंजीव ने तेजस्वी और अखिलेश यादव के आने और उनके पक्ष में चुनाव प्रचार करने की पुष्टि की है लेकिन उन्होंने फिलहाल यह नहीं बताया है कि दोनों नेता कब आ रहे हैं। चिरंजीव ने कहा कि वे दोनों उनके रिश्तेदार हैं और युवाओं के बीच लोकप्रिय चेहरा हैं, इसलिए उनके आने और चुनाव प्रचार करने से उन्हें फायदा मिल सकता है। माना जा रहा है कि इस महीने के अंत तक दोनों नेता रेवाड़ी पहुंचेंगे। राज्य में 5 अक्तूबर को मतदान होना है। इस बीच चिरंजीव अलग तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वह गलियों में क्रिकेट खेलते नजर आ रहे हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में ट्रैक्टर चलाते दिख रहे हैं। चिरंजीव ने कहा है कि अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार बनती है तो अहीर रेजीमेंट बनाई जाएगी। वह अपनी सभाओं में अग्निपथ योजना और किसानों के मुद्दे समेत बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भाजपा पर हमला कर रहे हैं।
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