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रामगढ़ का रहने वाला आदिवासी वेटलिफ्टर बाबूलाल हेंब्रम ने फिजी में चल रहे कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में सोना जीता है।
झारखंड के आदिवासी बेटे बाबूलाल हेंब्रम ने फिजी में चल रहे कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कमाल कर दिया है। यहां आयोजित चैंपियनशिप के वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में सोना जीता है। उसने इस जीत के साथ न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।
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रामगढ़ का रहने वाला बाबूलाल हेंब्रम झारखंड सरकार और सीसीएल के संयुक्त प्रयास से संचालित झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी (JSSPS) का खिलाड़ी है। उसने फिजी में आयोजित यूथ कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप (16 -21 सितंबर) के 49 किलोग्राम वर्ग में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए नए रिकॉर्ड बनाए हैं।
पिता करते हैं दैनिक मजदूरी झारखंड राज्य खेल प्रोत्साहन सोसायटी से मिली जानकारी के अनुसार बाबूलाल हेंब्रम रामगढ जिला के हेसागढ़ा गांव का रहने वाला है। उसके पिता का नाम कैला मांझी है। वह पेशे से दैनिक मजदूर हैं। बाबूलाल हेंब्रम बचपन से ही खेल में रुचि रखता था। यही वजह है कि उसका चयन जेएसएसपीएस में हुआ, जहां प्रशिक्षण ले रहा है।
वह इस सोयायटी में वर्ष 2018 में चयनित हुआ है। बाबूलाल जेएसएसपीएस के प्रशिक्षक गुरविंदर सिंह के गाइडेंस में पिछले कई वर्षों से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा है। उसके नाम कई मेडल हैं। जानिए क्या है जेएसएसपीएस जेएसएसपीएस जिसे सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड एवं झारखंड राज्य सरकार की ओर से संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य के प्रतिभावान बच्चों को खेल जगत में प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में खेल अकादमी में कुल 286 प्रशिक्षु हैं। जिन्हें कुल 11 खेल विधाओं जैसे वेटलिफ्टिंग, साईकलिंग , मुक्केबाज़ी,कुश्ती आदि में निपुण प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है ।
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