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यमन के हूती विद्रोहियों ने अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल से पर्दा उठा दिया है. ये वही हाइपरसोनिक मिसाइल है, जिससे यमन ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव पर अटैक किया था. सतह से सतह पर वार करने वाली इस नई नवेली मिसाइल का नाम Palestine – 2 है, जिसकी अधिकतम गति 19756 किलोमीटर प्रति घंटा है. वहीं इसकी रेंज 2150 किलोमीटर बताई गई है.
Palestine – 2 नाम की इस हाइपरसोनिक मिसाइल को हाल ही में यमन की सेना में शामिल किया गया है. यह हाइपरसोनिक मिसाइल दो स्टेज के सॉलिड फ्यूल ईंधन से चलती है. इसकी गति मैक 16 है. यानी की 19756 किलोमीटर प्रति घंटा है. दुनिया भर की किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम के पास ऐसी कोई चीज नहीं है जो इस गति से चलने वाली मिसाइल को रोक पाए.
यह मिसाइल मेनूवेरेबल है. यानी की यह बीच रास्ते में ही अपनी दिशा भी बदल सकती है. हवा में ही एयर डिफेंस सिस्टम से आने वाली इंटरसेप्टर मिसाइल को यह धोखा देकर तेज रफ्तार से आगे बढ़ती है. इसकी खासियत यह है कि इसराइल, मिडल ईस्ट में मौजूद अमेरिकी बेस, जंगी जहाज और व्यापारी जहाज के लिए यह बेहद खतरनाक साबित हो सकती है.
यमन के हूती विद्रोहियों ने 15 सितंबर, 2024 को इजराइल पर हाइपरसोनिक मिसाइल से भयानक हमला किया था. जिस मिसाइल से यह हमला किया गया उसने 2040 किलोमीटर की दूरी मात्र साढ़े 11 मिनट में पूरी कर ली थी. जाहिर सी बात है कि दुनिया हैरान होगी कि इतनी जबरदस्त टेक्नोलॉजी वाली मिसाइल आखिर हूति विद्रोहियों के पास आई कैसे. फिलहाल तो दवा यही किया जा रहा है की हुती विद्रोहियों ने ही इस मिसाइल को बनाया है.
हमले के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि हुती विद्रोहियों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. पहले यह दावा किया जा रहा था कि इस तरह के मिसाइल विद्रोहियों को ईरान से मिल सकती है, लेकिन ईरान इस बात से साफ इनकार कर दिया कि उनकी ओर से ऐसी कोई भी मिसाइल या ताकनीक यमन को नहीं दी गई है. ईरान के पास भी 1400 किलोमीटर की फतेह – 1 मिसाइल है, लेकिन इतनी दूरी वह तय नहीं कर सकती.
इस बीच इजराइल का यह कहना था कि किसी प्रकार की हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है. यह सारी मिसाइल बैलिस्टिक तो थी, लेकिन इन मिसाइलों ने कुछ समय के लिए हाइपरसोनिक रफ्तार हासिल की थी और जितनी मिसाइल आई है उनमें से सिर्फ 20 ही ऐसी मिसाइलें हैं जो गिरी तो हैं, लेकिन खुले इलाकों में गिरी, जिससे किसी को भी कोई नुकसान नहीं हुआ.
बता दें कि हाइपरसोनिक मिसाइल वह हथियार है, जो किसी ध्वनि की गति से भी 5 गुना ज्यादा तेज चले, यानी मैक-5. साधारण भाषा में अगर कहा जाए तो इसकी रफ्तार 6100 किलोमीटर प्रति घंटे या उससे ज्यादा होती है. मिसाइल लॉन्च के बाद यह मिसाइल अपनी दिशा में भी बदलाव करने की क्षमता रखती है और इस ट्रैक कर पाना और गिरना लगभग असंभव होता है.
अब सवाल यह है क्या सभी मिसाइल हाइपरसोनिक हो सकती है या नहीं तो आपको बता दें कि आमतौर पर क्रूस मिसाइल या बैलिस्टिक मिसाइल की गति ज्यादा होती है, लेकिन उनकी दिशा और मार्ग से इन्हें ट्रैक किया जा सकता है और मार गिराया जा सकता है. अगर इन मिसाइलों की रफ्तार 6100 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी जाए और दिशा बदलने वाला यंत्र इसमें जोड़ दिया जाए तो यह भी हाइपरसोनिक मिसाइल में तब्दील हो जाएगी.
हाइपरसोनिक मिसाइल या हथियार आमतौर पर दो प्रकार के होते ,हैं जिसमें पहले है ग्लाइड व्हीकल यानी की हवा में उड़ने वाला और दूसरा होता है क्रूज मिसाइल. वर्तमान में दुनिया भर के देश का फोकस ग्लाइड व्हीकल पर है. इस हाइपरसोनिक हथियार के पीछे की ओर एक छोटी मिसाइल जुड़ी जाती है और उसे लांचर से लांच किया जाता है.
जब यह मिसाइल एक निश्चित दूरी तय कर लेती है तो उसे छोटी मिसाइल को लांच कर दिया जाता है. इसके बाद ग्लाइड व्हीकल हवा में उड़ते हुए भी टारगेट पर सटीक हमला करता है. दरअसल, इन पर स्क्रैमजेट नाम का इंजन लगा होता है, जो आसमान या हवा में मौजूद ऑक्सीजन का इस्तेमाल करके अपनी तेजी बढ़ा लेता है.
Published at : 17 Sep 2024 11:01 AM (IST)
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