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इंदौर स्वच्छता और शहरी प्रबंधन में देश के प्रगतिशील शहरों बेंगलुरु और पुणे के बराबर पहुंच गया है, जबकि भोपाल के रियल एस्टेट कारोबार में सरकारी परियोजनाएं बड़ी मददगार साबित हुई हैं। जबलपुर और ग्वालियर में रियल एस्टेट विकास की गति धीमी रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की है, जिसमें मप्र के शहरी विकास और रियल एस्टेट सेक्टर में हुए विस्तार का भी जिक्र है। रिपोर्ट में दिखाई गई उच्च विकासदर के बावजूद राज्य में औद्योगिकीकरण और शहरीकरण की गति धीमी है। राज्य की कृषि पर अत्यधिक निर्भरता उसे औद्योगिक विकास के मामले में अन्य प्रगतिशील राज्यों से पीछे रखती है। रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत व्यापक स्तर पर शहरीकरण हुआ है। शहर के बुनियादी ढांचे में भी निरंतर सुधार किया जा रहा है, जिसमें नई सड़कें, जलापूर्ति व्यवस्था और सीवेज प्रबंधन की परियोजनाएं प्रमुख हैं। रियल एस्टेट सेक्टर में आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियों की मांग बढ़ रही है। इस साल में भोपाल की रियल एस्टेट परियोजनाओं को सरकारी योजनाओं में बड़ी मदद मिली है। इंदौर के हो रहे शहरी विकास, आईटी सेक्टर और व्यावसायिक परियोजनाओं के बढ़ने से यहां का माहौल सकारात्मक रहा है। जबलपुर और ग्वालियर में शहरीकरण और रियल एस्टेट विकास की गति अपेक्षाकृत धीमी है। जबलपुर में स्मार्ट सिटी परियोजनाएं विकास की गति को तेज कर रही है, लेकिन यहां निवेश और अधोसंरचना में सुधारों की अभी काफी जरूरत है। ग्वालियर में भी नई परियोजनाओं की शुरूआत हुई है, लेकिन और प्रयासों की जरूरत है। मप्र के बारे में यह भी … प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से कम प्रगतिशील शहरों की तुलना में मिलियन-प्लस शहरों में विकास के संकेत
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