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जमशेदपुर में सोमवार को पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.अ.) का जन्मदिवस (ईद मिलादुन्नबी) पूरे जोश और श्रद्धा के साथ मनाया गया। शहर के विभिन्न इलाकों से निकले जुलूस जब साकची और धातकीडीह पहुंचे, तब यह विशाल जुलूस-ए-मोहम्मदी का रूप ले चुका था। हजारों मुस्लिम धर्म
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शहर भर में गूंजा “या मुस्तफा, या मुस्तफा”
तंजीम अहले सुन्नत व जमात के तत्वावधान और उलेमा-ए-कराम के नेतृत्व में आयोजित इस जुलूस में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए। जुलूस में 100 से अधिक बड़े वाहन, 1000 से अधिक छोटे वाहन और हजारों दोपहिया वाहनों की भागीदारी रही। शहर के विभिन्न मुस्लिम बहुल इलाकों से निकले जुलूस साकची और धातकीडीह में आकर एक विशाल जुलूस-ए-मोहम्मदी में तब्दील हो गए। इस दौरान लोग पैगंबर की शान में दरूद शरीफ और सलाम पेश करते हुए नजर आए।
इस भव्य जुलूस के रूट पर 100 से अधिक सामाजिक और धार्मिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। जगह-जगह लंगर और शीरनी का वितरण किया गया। इस आयोजन में मदरसों के बच्चों की भी उत्साहपूर्ण भागीदारी रही।
कीताडीह से भी निकला जुलूस-ए-मोहम्मदी
कीताडीह मदरसा गौसिया नूरिया के मौलाना इशहाक अंजुम ने फतिया खानी पढ़कर दुआएं मांगी. वहीं इश्हाक अंजुम ने बताया कि मुसलमान सारी रात अल्लाह ताला की इबादत कर और सोमवार को पूर्व की तरह जुलूस निकले। हजरत मोहम्मद साहब का जन्म 21 अप्रैल 571 ई0 को मक्का शहर में हुआ। आपकी माँ का नाम आमना एवं पिता अब्दुल्लाह थे। अल्लाह के नबी हजरत मोहम्मद सलल्लाहो अलैह वसल्लम ने अपने 63 वर्ष 4 दिन के जीवन काल में लोगों को आपसी भाईचारे, अमनो अमान कायम रखने, महिलाओं का सम्मान, गरीबों की मदद, बेसहारों को सहारा देने की सीख दी।
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