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स्पेशल ब्रांच के दारोगा की हत्या को 43 दिन पूरे हो चुके हैं। 15 पुलिस अधिकारियों की एसआईटी के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं।
दो अगस्त की रात कांके रिंग रोड के पास संग्रामपुर में देर रात स्पेशल ब्रांच के दारोगा अनुपम कच्छप की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड को 43 दिन बीत चुके हैं पर पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। जैसे-जैसे दिन बीत रहे हैं, अनुपम कच्छप को लोग भूलते जा रहे हैं। पुलि
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जबकि जिस दिन स्पेशल ब्रांच के दारोगा का शव मिला था, उस दिन स्थानीय थाने के थानेदार से लेकर राज्य के डीजीपी तक एक्टिव नजर आए थे। आनन-फानन में एसआईटी बनाई गई। रांची जिला के पुलिस के छोटे से बड़े अधिकारियों के साथ डीजीपी ने बैठक भी की थी। इसके बाद भी नतीजा सिफर है।
पुलिस में स्पेशल ब्रांच के दारोगा को श्रद्धांजलि देते अधिकारी (फाइल)
अब तक क्या-क्या हुआ हत्याकांड की रात से शव बरामद होने के बाद से पुलिस एक्टिव नजर आई। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने आनन-फानन पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। कई निर्देश दे डाले। इसके बाद 15 पुलिस अधिकारियों की एक एसआईटी बनाई गई। जिसमें दो डीएसपी, आठ इंस्पेक्टर और पांच सब इंस्पेक्टर को शामिल किया गया था।
पुलिस ने अनुपम के दोस्त समेत 50 से ज़्यादा लोगों से पूछताछ की। पूरे इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की गई। लेकिन पुलिस को ना तो अपराधियों का कोई सुराग मिला और न ही हत्या की वजह का पता चला।
अब तक सफलता क्यों नहीं मिल सकी? इस सवाल के जवाब में एसएसपी चंदन सिन्हा कहते हैं कि इस मामले में गठित एसआईटी और टेक्निकल टीम अपने-अपने तरीके से काम कर रही है। जल्द ही मामले का खुलासा कर लिया जाएगा।
पार्टी करके लौट रहा था अनुपम, तब हुई हत्या
डीआईजी अनूप बिरथरे के मुताबिक कांके रिंग रोड स्थित इंडियन ढाबा से लौटते वक्त अनुपम की हत्या हुई। वह अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने गया था। पार्टी देर रात एक बजे तक चली। दो बजे अनुपम अपनी बाइक से निकला। इसी दौरान उसकी हत्या हुई।
अनुपम ने बीआईटी सिंदरी से 2014 में बीटेक किया था।
खूंटी जिले के रहने वाले थे अनुपम स्पेशल ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप खूंटी जिले के रहने वाले थे। झारखंड पुलिस मुख्यालय स्थित स्पेशल ब्रांच में पदस्थापित थे। कई केस की जिम्मेदारी इनके हिस्से थी। अनुपम 2018 बैच के सब इंस्पेक्टर थे। अनुपम ने बीआईटी सिंदरी से 2014 में बीटेक किया था।
डीजीपी ने कहा था – भाई की हत्या, हर हाल में कार्रवाई
हत्या और फिर शव बरामदगी के दिन डीजीपी अनुराग गुप्ता रिम्स पहुंचे थे। यहां मृतक दरोगा अनुपम की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कार्यशैली पर ध्यान देना होगा। हमारा छोटा भाई मारा गया है, हर हाल में कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद ही उन्होंने तमाम पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। डीजीपी ने अधिकारियों को दो टूक में कहा, रांची में काम करना है तो अधिकारी अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं। जो लोग ईमानदारी से काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें थाने में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बाबूलाल ने सवाल उठाते हुए कहा था – सरकार अपराधियों के सामने घुटने टेक दिए हैं।
बाबूलाल ने सरकार पर उठाए थे सवाल
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी रिम्स पहुंचे थे। जहां उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, स्पेशल ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की निर्मम हत्या अत्यंत दुखद है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने स्वार्थ के लिए राजधानी रांची तक को अयोग्य अफसरों के हवाले कर बारूद के ढेर पर बैठा दिया है।
उन्होंने कहा कि राजधानी रांची में सुरक्षा के कथित चाक-चौबंद होने के बावजूद अपराधी बेखौफ ढंग से सरेआम वकीलों, पुलिस, बड़े बड़े प्रतिष्ठान के संचालकों तक की हत्या कर रहे हैं।अपराधियों के सामने घुटने टेक देने वाली हेमंत सरकार से आम जनता के सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है?हेमंत सरकार ने अपने घटिया कानून व्यवस्था के कारण साढ़े तीन करोड़ झारखंड वासियों का जीवन संकट में डाल दिया है।
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